तब सरकार से कर्ज लेकर कराया था महाकुंभ
उस समय साधु-संतों को जमीनें भी आवंटित नहीं की जाती थीं। जिसको जहां जगह मिलती, वह वहीं बैठ जाता।
By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 25 Apr 2016 10:39 AM (IST)
उज्जैन। आठवां सिंहस्थ देख रहे 84 वर्षीय पं. राधेश्याम उपाध्याय कहते हैं, 1980 में वे महापौर थे। तब उन्होंने मप्र सरकार से 3.45 करोड़ स्र्पए उधार लेकर सिंहस्थ आयोजित किया था।
यह पैसा बाद में ब्याज सहित चुकाया। तत्कालीन संभागायुक्त संतोष शर्मा ने पीने के पानी की समस्या बताई थी। इसलिए गंभीर बांध बनवाया था। वे कहते हैं 1945 का सिंहस्थ तो दत्त अखाड़ा पर ही हो गया था।
उस समय साधु-संतों को जमीनें भी आवंटित नहीं की जाती थीं। जिसको जहां जगह मिलती, वह वहीं बैठ जाता। 1980 में जमीनों का आवंटन शुरू किया था।
उस समय साधु-संत किसी बात के लिए झगड़ते नहीं थे। शाही स्नान कर साधु-संत चले जाते और लोग भी आसानी से शिप्रा तट पहुंचकर स्नान कर लेते थे।
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