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इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी से होती है

करवाचौथ का त्योहार उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब फिल्मों व टीवी सीरियल्स से यह हर जगह लोकप्रिय हो चुका है। इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी से होती है जिसमें पांच या सात वस्तुएं अवश्य रूप से खाई जाती हैं, इसमें फेनी की खीर

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2015 09:40 AM (IST)
इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी से होती है

करवाचौथ का त्योहार उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अब फिल्मों व टीवी सीरियल्स से यह हर जगह लोकप्रिय हो चुका है। इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी से होती है जिसमें पांच या सात वस्तुएं अवश्य रूप से खाई जाती हैं, इसमें फेनी की खीर विशेष रूप से हर कोई खाता है और व्रत के पूर्ण होने के बाद खाए जाने के लिए भी स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। आइए जानते हैं राज्य विशेष के अनुसार इस मौके पर बनाए जाने वाले कुछ खास व परंपरागत व्यंजनों के बारे में।

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पंजाब विशेष

फेनी की खीर

सामग्री : दूध

बड़े 4 कप, 100 ग्राम फेनी (यह बाजार में भुनी हुई भी मिलती है), चीनी स्वादानुसार, थोड़ी किशमिश, पिस्ता की कतरन, बादाम की 4-5 गिरी (भिगोकर छीलकर काटी हुई ), इलायची पावडर, केसर की पत्तियां।

विधि : दूध को केसर की पत्तियां डालकर अच्छे से उबाल लें। इसमें सब मेवे किशमिश,बादाम व पिस्ता डाल लें और फिर इलायची पावड़र भी मिलाएं। अच्छी तरह उबल जाने पर चीनी डालें और फिर भुनी हुई फेनी मिला दें। थोड़ी देर बाद आंच पर से उतार लें। ठंडा होने पर पिस्ते की कतरन से सजाएं। लीजिए तैयार है सरगी के लिए फेनी की खीर

नमकीन केसरी पुलाव

सामग्री : 200 ग्राम (छोटी 2 कटोरी ) बासमती चावल, केसर आधा छोटी चम्मच, 1 टेबल स्पून घी, आधा छोटी चम्मच जीरा-काली मिर्च और लौंग, 1 छोटा दालचीनी का टुकड़ा, दो बड़ी इलायची, 15-20 काजू कटे हुए, थोड़ी किशमिश, नमक स्वादानुसार, एक टेबल स्पून बारीक कटा हरा धनिया।

विधि : चावलों को साफ करके धोकर एक घंटे के लिए पानी में भिगो दें। केसर को भी एक टेबल स्पून पानी में आधा घंटे पहले भिगो दें। कुकर में घी डालकर गरम कीजिए फिर उसमें जीरा डालिए, जीरा कड़कने के बाद काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, इलाइची के दाने, काजू और किशमिश डाल दें। जब काजू हल्के ब्राउन और किशमिश फूल जाय तब तक इसे भूने। अब इसमें चावल डालकर 2 मिनट तक भूनिए। चावल से दोगुना पानी डालकर, नमक और केसर पानी सहित डाल दीजिए। कुकर बंद कर दीजिए और एक सीटी आने तक पकाएं। इसके बाद चावल सर्विंग प्लेट में डालें और हरे धनिए से सजाएं गर्मागर्म पुलाव।

राजस्थान विशेष

रमास चावल

सामग्री : आधा कप रमास या चवला के दाने (रात भर भिगो दें), एक कप चावल, किशमिश, काजू, मूंगफली के दाने, एक टेबल स्पून घी, स्वादानुसार नमक, एक चुटकी चीनी।

विधि : रात भर भीगे हुए रमास के दानों को पहले कुकर में 2-3 सीटी लेकर उबाल लें। फिर इसे अलग रख दें। अब कुकर में घी डालकर काजू, किशमिश और मूंगफली के दानों को हल्का भूनें और फिर भिगोए हुए चावल डाल दें। स्वादानुसार नमक व एक चुटकी चीनी डालकर उबले हुए रमास मिलाएं और फिर दो सीटी ले लें। बस बिल्कुल साधारण से तरीके से बनाए इन रमास चावलों को राजस्थान में सरगी व भोग के रूप में उपयोग किया जाता है।

मीठा दलिया

सामग्री : 200 ग्राम दलिया, 6 लौंग, 2 इलायची, एक टेबल स्पून घी, 75 ग्राम चीनी या गुड़, बादाम व काजू।

विधि: सबसे पहले एक पैन में घी गर्म करें। अब इसमें लौंग व इलायची डालें और फिर दलिया डालकर सुनहरा भूरा होने तक सेंकते रहें। सुनहरा रंग आने के बाद इसमें लगभग 4 कप पानी मिला दें और ढंककर धीमी आंच पर पकने दें। बीच-बीच में इसे चलाते रहें। दलिया के अनुसार पानी की मात्रा ज्यादा या कम की जा सकती है। जब दलिया गलने लगे तो इसमें चीनी या गुड़ डाल दें ताकि वह अच्छी तरह से पक जाए। अब इसमें बादाम व काजू भी डाल दीजिए। अच्छी तरह से पक जाने पर ऊपर से एक चम्मच घी डालिए। बस तैयार है मीठा दलिया।

उत्तर प्रदेश विशेष

आटे का हलवा

सामग्री : एक कप आटा, आधा कप घी, आधा कप चीनी, आधा कप दूध और आधा कप पानी, दो बड़े चम्मच सूखे मेवे (काजू, किशमिश, बादाम)।

विधि: एक पैन में घी लेकर उसमें आटा डालकर धीमी आंच पर सेंके। अच्छी तरह सिक जाने पर इसमें दूध व पानी मिला दें। जब पूरा मिश्रण एकसार हो जाए तो इसमें चीनी मिलाएं और काजू व बादाम बारीक काटकर व किशमिश मिला दें। घी कम लगने पर घी भी डाल लें। बस तैयार है पारंपरिक आटे का हलवा।

गुड़ के गुलगुले

सामग्री : 200 ग्राम गेहूं का आटा, एक चम्मच सौंफ, 100 ग्राम गुड़, चुटकी भर सोडा, तलने के लिए तेल।

विधि: सबसे पहले गुड़ को पानी में गला लें। अब इस पानी में सौंफ और गेहूं का आटा मिलाकर अच्छी तरह से घोल तैयार कर लें और चुटकी भर सोडा भी डाल दें। थोड़ी देर के लिए इस मिश्रण को गलने रखें और फिर बस गोल-गोल पुए बनाते जाएं। मध्यम आंच पर इन गुलगुलों को सेंकिए। इसे व्रत की सरगी के रूप में और व्रत के भोग दोनों के रूप में उपयोग किया जाता है।


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