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तंत्र शास्त्र अनुसार बुरी नजर से बचने को काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है

काला रंग अवशोषक शक्ति का प्रतीक है। यह वाह्य प्रभावों को शोषित करता है। काले रंग की उपस्थिति में ब्रह्मांड में विचरण करने वाली नकारात्मक शक्तियां अपना प्रभाव नहीं दिखा पातीं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 11:50 AM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 03:59 PM (IST)
तंत्र शास्त्र अनुसार बुरी नजर से बचने को काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है
तंत्र शास्त्र अनुसार बुरी नजर से बचने को काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है

अक्सर आप ने घर के बड़े - बुढ़ों को कहते हुए सुना होगा कि शुभ कार्य में काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए या काला रंग अशुभ होता है। इसलिए जहां तक हो सके काले रंग के कपड़ों का उपयोग शादी में पूजा- पाठ में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन जब बुरी नजर या किसी तरह की नजर उतारने की बात आती है तो काले रंग का ही उपयोग किया जाता है।

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बुरी नजर से बचने के लिए काले रंग से जुड़ी कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। काला धागा पहनने या काला टीका लगाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और यह आज भी प्रचलित है। तार्किक लोग इसे एक प्राचीन अंधविश्वास से अधिक कुछ भी नहीं मानते।

सामान्य समझ के अनुसार काला रंग, नजर लगाने वाले की एकाग्रता को भंग कर देता है। इसके कारण नकारात्मक ऊर्जा संबंधित व्यक्ति को प्रभावित नहीं कर पाती। छोटे बच्चों या लड़कियों की सुंदरता को किसी भी बुरी नजर से बचाने के लिए उन्हें काला धागा क्यों बांधा जाता है? तंत्र- मंत्र और ज्योतिष के विशेषज्ञों के अनुसार काला धागा बांधने अथवा काला-टीका लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है। ये पंच तत्व हैं- पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल और आकाश। इनसे मिलने वाली ऊर्जा ही हमारे शरीर का संचालन करती हैं। इनसे मिलने वाली ऊर्जा से ही हम सभी सुविधाओं को प्राप्त करते हैं। जब किसी इंसान की बुरी नजर हमारी सुविधाओं को लगती है तब इन पंच तत्वों से मिलने वाली संबंधित सकारात्मक ऊर्जा हम तक नहीं पहुंच पाती है। इसीलिए, गले में काला धागा बांधा जाता है। अगर हम बुरी नजर से बचने के लिए काले धागे के प्रयोग की बात करें तो इसकी वैज्ञानिक मान्यता यह है कि काला रंग उष्मा का अवशोषक होता है। यह माना जाता है कि काला धागा बुरी नजर को या बुरा ऊर्जाओं को अवशोषित कर लेता है व उनका प्रभाव हम पर नहीं पडऩे देता है।

इसके अतिरिक्त काले धागे से अनेक टोटके भी जुड़े हुए हैं। अगर आप मालामाल होना चाहते हैं तो काले धागे का यह आसान प्रयोग करें। यह टोटका आपके भाग्य को बदलने में सक्षम है। जब भी हमारे खुशियां दुख में बदल जाएं या हमेशा प्राप्त होने वाला धन लाभ अचानक हानि में बदल जाए या परिवार का आपसी तालमेल बिगड़ जाए अथवा इसी प्रकार की अन्य घटनाएं होने लगे, तब यह संभव है कि आपको या आपके परिवार या आपकी जॉब या व्यवसाय को किसी की बुरी नजर लगी हो। इससे बचने के लिए ज्योतिष में कई तरीके बताए गए हैं। उनमें से एक टोटका यह है कि किस्मत और पैसों के लिए रेशमी या सूती काला धागा बाजार से लेकर आएं और मंगलवार के दिन शाम को ये धागा हनुमान मंदिर लेकर जाएं। इस धागे में नौ छोटी-छोटी गांठ बांध लें। इस धागे पर हनुमान जी के पैरों का सिंदूर लगा लें। इस धागे को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दें या तिजोरी पर बांध दें। इससे आपके घर में पैसों की आवक बढ़ जाएगी। यह एक अनुभूत प्रयोग है और कई लोगों ने इसके जरिए अपने भाग्य को मनोवांछित दिशा में मोडऩे में सफलता प्राप्त की है। काला रंग अवशोषक शक्ति का प्रतीक है। यह वाह्य प्रभावों को शोषित कर यथास्थिति को बनाए रखता है। काले रंग की उपस्थिति में ब्रह्मांड में विचरण करने वाली नकारात्मक शक्तियां अपना प्रभाव नहीं दिखा पातीं। ऐसे में शरीर के विभिन्न अंगों पर काला धागा बांधने या काजल का टीका लगाने का एक वैज्ञानिक आधार तो होता है ही।

जब कोई नया मकान बनाया जाता है तो उस पर काले रंग का मटका लगाया जाता है। वो कहते हैं ना कि लोहा ही लोहे को काटता है। वैसे ही नकारात्मकता का प्रतीक होने के कारण ही ऐसा माना जाता है कि काला रंग नकारात्मकता का अवशोषण कर लेता है। इसलिए देखने में आता है कि छोटे-छोटे बच्चों और सुंदर लड़कियों को चेहरे पर कहीं ना कहीं काला टिका लगा होता है। काला टिका लगाने की परंपरा के पीछे यही वजह है कि सुंदरता की ओर सभी जल्दी ही आकर्षित हो जाते हैं और कुछ लोग सुंदर चेहरे को एकटक देखते रहते हैं।

उनकी ऐसी नजरों से बच्चे या सुंदर लड़कियों पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। काला टिका लगाने से एकटक देखने वाले की नजर काला रंग पर टिक जाती है जिससे उनकी नजर का बुरा प्रभाव नष्ट हो जाता है।


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