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Swapna Shastra: नींद में बोलने का अध्यात्म से क्या है कनेक्शन, इस आदत से कैसे पाएं छुटकारा

नींद में बोलने की आदत का संबंध आध्यात्म से भी है। यह आदत आपके कई राज खोलती है। आइए जानतें है कि नींद में बोलने का अध्यात्म से क्या कनेक्शन है। साथ ही इस आदत से छुटकारा पाने के उपाय भी जानिए।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiPublished: Wed, 31 May 2023 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 31 May 2023 01:40 PM (IST)
Swapna Shastra: नींद में बोलने का अध्यात्म से क्या है कनेक्शन, इस आदत से कैसे पाएं छुटकारा
Swapna Shastra नींद में बोलने का अध्यात्म से क्या है कनेक्शन।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Swapna Shastra: कई लोगों को नींद में बोलने या बड़बड़ाने की आदत होती है। नींद में बोलने का संबंध आपके अवचेतन मन में चल रही बहुत सी बातों से होता है। नींद में बोलने की इस आदत के कुछ धार्मिक कारण भी हैं। जो आपके निजी जीवन के बारे में भी बताते हैं।

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नींद में बोलना किस बात की ओर करता है संकेत

नींद में बोलने की स्थिति आपके निजी जीवन को दर्शाती है। यह प्रेम, डर और भावनाओं को दबाने जैसी बात से भी जुड़ा है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण के अनुसार, नींद में बोलना इस बात को दर्शाता है कि आप अपने जीवन में जहां फंसे हुए हैं वहां से अब आगे निकलने का समय आ गया है। भविष्य में आपको इस स्थिति से बाहर निकलने का बहुत ही अच्छा अवसर मिलने जा रहा है। नींद में अगर आप अपने पूर्वजों से बात करते हैं तो वह आपको समस्याओं का सही हल भी बता सकते हैं।

क्या हैं वैज्ञानिक कारण

मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक ये आदत व्यक्ति के दिमाग में चल रहे तनाव को दर्शाती है। यह समस्या उन लोगों को ज्यादा परेशान करती है जो पहले से ही किसी मानसिक समस्या का सामना कर रहे हैं।

इस आदत से कैसे पाएं छुटकारा

नींद में ज्यादातर व्यक्ति ऐसी बातें बोलता है जो उसने अपने मन के भीतर दबाकर रखी हैं। इस आदत से छुटकारा पाने के लिए अपने मन में छिपी बातों को किसी-न-किसी से कहने का प्रयास करें। अगर संभव हो तो अपनी दबी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करें। इन उपायों से आपको काफी हद तक नींद में बोलने की समस्या से राहत मिलेगी। 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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