सोमवती अमावस्या का स्नान आज
सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या को महत्वपूर्ण पुण्य कालों में से माना गया गया है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या पर चंद्रमा सोमांश पृथ्वी पर अधिक मात्रा में पड़ता है और चंद्रमा मनुष्य के मन और जल का कारक होने के कारण अमावस्या पर स्नान, ध्यान को पुण्य कारक माना गया है। वहीं, कलियुग के इस कल्याणकारी पर्व का आगमन भी निर्धारित नह
हरिद्वार। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या को महत्वपूर्ण पुण्य कालों में से माना गया गया है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या पर चंद्रमा सोमांश पृथ्वी पर अधिक मात्रा में पड़ता है और चंद्रमा मनुष्य के मन और जल का कारक होने के कारण अमावस्या पर स्नान, ध्यान को पुण्य कारक माना गया है। वहीं, कलियुग के इस कल्याणकारी पर्व का आगमन भी निर्धारित नहीं है। सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या कलियुग के कल्याणकारी पर्वो में से एक है, लेकिन सोमवती अमावस्या को अन्य अमावस्याओं से अधिक पुण्य कारक मानने के पीछे भी शास्त्रीय और पौराणिक कारण हैं। सोमवार को भगवान शिव और चंद्रमा का दिन कहा गया है। सोम यानि चंद्रमा। अमावस्या और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का सोमांश यानि अमृतांश सीधे-सीधे पृथ्वी पर पड़ता है। चंद्रमा को जल और मन का कारक माना गया है, साथ ही सोमांश को प्राप्त करने का साधन भी जल ही है। इसलिए, गंगा के किनारे बैठना और गंगा स्नान और ध्यान करना अति पुण्यकारक कहा गया है।
वहीं अमावस्या अमा और वस्या दो शब्दों से मिलकर बना है। शिव महापुराण में इस संधि विच्छेद को भगवान शिव ने माता पार्वती को समझाया था। अमा का अर्थ है एकत्र करना और वस्या वास को कहा गया है। यानि जिसमें सब एक साथ वास करते हों। इसलिए सोमवती अमावस्या और भी सार्थक हो जाती है क्योंकि सोम को अमृत भी कहा जाता है। इसलिए इस अमावस्या में अमृत की प्राप्ति होती है।
निर्धारित नहीं है सोमवती अमावस्या- सोमवती अमावस्या किसी अन्य पर्व की भांति निर्धारित पर्व नहीं होता है। सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या कहा जाता है। बताते चलें कि संवत् 2069 में दो सोमवती अमावस्याएं आई थी। इस वर्ष यानि संवत् 2070 में भी दो सोमवती अमावस्याएं आठ जुलाई और सोमवार 2 दिसंबर को होगी। इसी प्रकार अगले संवत् यानि 2071 को भी दो 25 अगस्त 2014 और 22 दिसंबर 2014 को सोमवती अमावस्या होगी। वहीं, संवत् 2072 में तीन सोमवती अमावस्याएं होंगी। पहली 18 मई 2015, दूसरी 12 अक्टूबर 2015 और तीसरी आठ फरवरी 2016 को होगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर