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Shardiya Navratri 2022: नवरात्र में अखंड ज्योति जलाना है शुभ, लेकिन याद रखें ये जरूरी नियम

Shardiya Navratri 2022 शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नौ दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले कुछ नियमों को जानना जरूरी है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Mon, 19 Sep 2022 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:13 AM (IST)
Shardiya Navratri 2022: नवरात्र में अखंड ज्योति जलाना है शुभ, लेकिन याद रखें ये जरूरी नियम
Shardiya Navratri 2022: 26 अक्टूबर से महापर्व नवरात्रि की शुरुआत हो रही है।

नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022: हिंदू धर्म में नवरात्र का काफी अधिक महत्व है। इन नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ जो व्यक्ति व्रत रखता है। वह घर में कलश स्थापना के साथ अखंड ज्योति जलाता है। माना जाता है कि इस अखंड ज्योत के सामने मां दुर्गा की आराधना की जाए, तो उसका हजार गुना अधिक फल प्राप्त होगा। इस ज्योत को ज्ञान, तप,भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। अगर आप भी इस बार घर में अखंड ज्योति रख रहे हैं, तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें।

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सही दिशा, स्थान और अन्य कई विषयों को समझने के बाद ही अखंड ज्योति की स्थापना की जानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती आपके लिए बड़ी मुसीबत पैदा क्र सकती है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति स्थापित करने के महत्वपूर्ण नियम।

अखंड ज्योति स्थापित करने के जरूरी नियम (Shardiya Navratri 2022 Akhand Jyoti)

  • सबसे पहले यह जान लें कि अखंड ज्योति नवरात्रि के पूरे नौ प्रज्वलित रहती है।

  • इन नौ दिनों की अवधि में घर में ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे अशुद्धि आए।

  • अखंड ज्योति को आस्था का प्रतीक माना जाता है इसलिए घर में प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा का सेवन बिलकुल ना करें।

  • अखंड ज्योति स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर का एक सदस्य हमेशा ज्योति की देखभाल के लिए तैयार रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि रात के समय ज्योति बुझने का डर रहता है।

  • अखंड ज्योति जलाने के बाद भूलकर भी घर में ताला न लगाएं और हमेशा घर में एक व्यक्ति का रहना अनिवार्य है। साथ ही पूजा स्थल को हमेशा साफ रखें।

  • अखंड ज्योति जलाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति जमीन पर ना रखी गई हो। ज्योति को स्थापित करने के लिए इसी चौकी की व्यवस्था करें या पूजा घर में उपयुक्त जगह है तो वहां स्थापित करें।

दीप प्रज्वलित करते समय इस मंत्र का करें जाप (Akhand Jyoti Sthapna Mantra)

जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी ।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते ।।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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