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Shakambhari Navratri 2021: आज से शाकम्भरी नवरात्र शुरू, जानें इस उत्सव का महत्व

Shakambhari Navratri 2021 हिंदू पंचांग के अनुसार यह पौष मास चल रहा है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकम्भरी नवरात्र की शुरुआत होती है। यह त्यौहार पौष मास की पूर्णिमा तक मनाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है महत्व और कौन हैं माता शाकम्भरी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 03:50 PM (IST)
Shakambhari Navratri 2021: आज से शाकम्भरी नवरात्र शुरू, जानें इस उत्सव का महत्व
Shakambhari Navratri 2021: आज से शाकम्भरी नवरात्र शुरू, जानें इस उत्सव का महत्व

Shakambhari Navratri 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पौष मास चल रहा है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकम्भरी नवरात्र की शुरुआत होती है। यह त्यौहार पौष मास की पूर्णिमा तक मनाया जाता है। पूर्णिमा का दिन माता शाकम्भरी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शाकम्भरी नवरात्रि के दौरान जो साधक तंत्र-मंत्र करते हैं वो मां शाकम्भरी की अराधना करते हैं। मां शाकम्भरी को वनस्पति की देवी भी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष यह नवरात्रि 21 जनवरी से 28 जनवरी तक मनाई जाएगी। आइए जानते हैं क्या है इस उत्सव का महत्व और कौन हैं माता शाकम्भरी।

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शाकम्भरी पूर्णिमा का महत्व:

शाकम्भरी नवरात्रि की पूर्णिमा का महत्व अत्याधिक है। इस दिन को पौष पूर्णिमा के नाम से देश के विभिन्न स्थानों पर मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत इस्कॉन के अनुयायी या वैष्णव सम्प्रदाय के लोग पुष्य अभिषेक यात्रा से करते हैं। इस दिन लोग पवित्र नदी पर जाकर स्नान करते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जानें कौन हैं माता शाकम्भरी:

माता शाकम्भरी, माता दुर्गा का अवतार हैं। मां दुर्गा के इस अवतार का विस्तृत वर्णन देवी पुराण में मिलता है। कई जगहों पर माता शाकम्भरी को हरियाली का प्रतीक कहा जाता है। ऐसे में पुराणों के अनुसार, सभी शाकाहारी खाद्य उत्पाद माता शाकम्भरी के प्रसाद के रूप में देखे जाते हैं। मान्यता है कि माता शाकम्भरी अत्यंत दयालु और विनम्र हैं। इन्हें दुर्गा मां का दयालु अवतार भी कहा जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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