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    Masik Shivratri 2025: आश्विन महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? यहां पता करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 08:00 PM (IST)

    आश्विन का महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में धूमधाम से शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। वहीं कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) मनाई जाती है।

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    Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रिय है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति की कृपा पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को न केवल विवाहित जातक करते हैं, बल्कि अविवाहित जातक भी शीघ्र विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं।

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    धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। इसके लिए चतुर्दशी तिथि पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, आश्विन माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Shubh Muhurat )

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर को देर रात 11 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 21 सितंबर को देर रात12 बजकर 16 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी।

    भगवान शिव की पूजा मासिक शिवरात्रि को निशा काल में होती है। इसके लिए 19 सितंबर को आश्विन महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन निशा काल में पूजा का समय देर रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक है।

    सावन शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद शिवरात्रि पर सिद्ध और साध्य योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त और मघा नक्षत्र का योग बनेगा। इस दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्ष फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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