संत खेलेंगे गंगाजल व गोबर की होली
संत गंगाजल व गोबर से होली खेलते हैं, जो हर साल की तरह इस बार भी खेली जाएगी। हालांकि अब संत फूलों व रंगों से भी होली खेलने लगे हैं, लेकिन अधिकतर संत आज भी गंगाजल व गोबर से ही होली खेलते हैं। संत समाज ने गंगा जल की गोबर की होली खेलने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। आश्रमों की गौशालाओं से गोबर एकत्रित किया जा चुका ह
हरिद्वार। संत गंगाजल व गोबर से होली खेलते हैं, जो हर साल की तरह इस बार भी खेली जाएगी। हालांकि अब संत फूलों व रंगों से भी होली खेलने लगे हैं, लेकिन अधिकतर संत आज भी गंगाजल व गोबर से ही होली खेलते हैं।
संत समाज ने गंगा जल की गोबर की होली खेलने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। आश्रमों की गौशालाओं से गोबर एकत्रित किया जा चुका है। गंगाजल भी आश्रमों में लाया जा चुका है। गुरुवार को गोबर में गंगाजल मिलाया जाएगा। इसी से संत-समाज खेलेगा होली यानी संत एक-दूसरे पर गोबर लगाएंगे व होली की शुभकामनाएं देंगे। नई अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत बलवंत सिंह ने बताया कि गोबर व गंगाजल दोनों पवित्र व स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होते हैं। उन्होंने बताया कि संत-समाज हर साल गोबर व गंगाजल से ही होली खेलता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संत फूलों व रंगों से भी होली खेलने लगे हैं, लेकिन ज्यादातर संत गोबर व गंगाजल से ही होली खेलते हैं।