Inspiring Story: आप भी बन सकते हैं भगवान के दोस्त, जानने के लिए पढ़ें यह प्रेरक कथा
Inspiring Story आप सोच रहे हैं कि कोई भगवान का दोस्त कैसे बन सकता है? यह सवाल जितना कठिन या आपको सोच में डाल देने वाला है उसका जवाब बहुत ही सरल है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप भगवान का दोस्त बनना चाहते हैं या नहीं।
Inspiring Story: आप सोच रहे हैं कि आखिर कोई भगवान का दोस्त कैसे बन सकता है? हां, यह सवाल जितना कठिन या आपको सोच में डाल देने वाला है, उसका जवाब बहुत ही सरल और सुगम है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप भगवान का दोस्त बनना चाहते हैं या नहीं। इसके लिए आपको अपने व्यवहार में बस थोड़ा सा बदलाव करना होगा। आइए पढ़ें यह प्रेरक कथा, जिसमें है आपके सवाल का जवाब।
एक समय की बात है। एक बच्चा मंदिर के पास वाली सड़क पर फूल बेचता था। वह हमेशा नंगे पैर सड़क पर घूमता रहता था। गर्मी की चिलचिलाती धूप से उसके पैर जलते थे। एक दिन वह रोज की तरह फूल बेच रहा था, तभी एक कार उसके पास आकर रूकी। वह हमेशा की तरह खिड़की पर जाकर फूल खरीदने की निवेदन करने लगा। उसमें बैठे शख्स ने देखा कि वह बच्चा नंगे पैर फूल बेच रहा है। तपती सड़क उसके पैरों को जला रही थी।
यह देखकर वह शख्स बहुत दुखी हुआ। उसने फूल खरीद लिए और कार सड़क के दूसरी ओर लगा दी। वह पास के ही एक दुकान पर गया और वहां से बच्चे के लिए एक जोड़ी जूता खरीदा। वह फिर उस बच्चे के पास आया और उसे वह नए जूते दिए। बोला कि इसे पहन लो। अब तुम्हारे पैर नहीं जलेंगे।
लड़का बहुत खुश हुआ। उसने वे जूते पहन लिए। उसने उस शख्स के हाथों को चूम लिया और सवाल किया कि क्या आप भगवान हो? बच्चे के इस सवाल से वह सज्जन असहज हो गया। उसने बोला कि बेटा! मैं भगवान नहीं हूं। तब बच्चे ने मुस्कुराते हुए कहा कि तब आप जरूर भगवान के दोस्त होंगे।
बच्चे ने कहा कि कल रात ही उसने भगवान से प्रार्थना की थी कि वे उसके लिए एक जोड़ी जूते दे दें, ताकि उसके पैर तपती सड़क से न जले। बच्चे की बातें सुनकर उस सज्जन की आंखें भरी आईं। फिर वह शख्स मुस्कुराते हुए वहां से चला गया। इस घटना से वह इतना जरूर जान गया था कि इंसान के लिए भगवान का दोस्त बनना कठिन नहीं है। बस थोड़ा सा अपने अंदर इंसानियत को जिंदा रखने की जरूरत है। आपके पास जो है या आप सक्षम हैं, तो दूसरों की मदद करके भगवान का दोस्त बन सकते हैं।