रामणी और राज राजेश्वरी की डोली पहुंची बांक
श्री नंदा देवी लोकजात में रविवार को नंदा देवी व राज राजेश्वरी की डोली यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने सबसे अधिक 16 किमी की दूरियां तय की। जात के बाद नंदा की डोली रात्रि विश्रम के लिए रामणी पहुंची वहीं मां राज राजेश्वरी की डोली भी बांक गांव पहुंच गई
गोपेश्वर। श्री नंदा देवी लोकजात में रविवार को नंदा देवी व राज राजेश्वरी की डोली यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने सबसे अधिक 16 किमी की दूरियां तय की। जात के बाद नंदा की डोली रात्रि विश्रम के लिए रामणी पहुंची वहीं मां राज राजेश्वरी की डोली भी बांक गांव पहुंच गई है। इस मौके पर मां नंदा की डोली की बालपाटा व मां राज राजेश्वरी की बेदनी बुग्याल में नंदा सप्तमी की में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े।
मां नंदा की डोली रविवार को प्रात: बालपाटा के लिए रवाना हुई। झींझी से तकरीबन सात किमी की दूरी पर स्थित बालपाटा में यात्रा के साथ पहुंचे श्रद्धालुओं व स्थानीय ग्रामीणों ने मां नंदा व उनके साथ यात्र में चल रही भूम्याल समेत अन्य देवी देवताओं की छंतोलियों की पूजा अर्चना की। उसके बाद डोली बालपाटा से रवाना होकर सांय को रामणी गांव पहुंची। रामणी गांव में महिलाओं ने देवी के जागरों से मां नंदा का स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने गांव में पहुंची मां नंदा की डोली व अन्य देवी देवताओं की छंतोलियों की पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की गई। दूसरी ओर मां राज राजेश्वरी की डोली गैरोलीपातल से रवाना होकर वेदनी बुग्याल पहुंची।
मां नंदा की इस यात्र में चल रहे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र वेदनी कुंड में स्नान करने के बाद मां राज राजेश्वरी व डोली के साथ चल रही छंतोलियों की पूजा अर्चना की। यहां पर यात्रा में पहुंचे स्थानीय लोगों ने पित्रों का तर्पण किया गया। वेदनी कुंड में नंदा सप्तमी की पूजा तर्पण के बाद मां राज राजेश्वरी की डोली वापस बांक गांव पहुंची। बांक गांव में नंदा देवी के जागरों के माध्यम से मां का आह्वान किया गया। इसके अलावा गांवों में पारंपरिक झुमेलो व चांचड़ी नृत्य का भी आयोजन दर्शकों का मन मोह रहा है।
इस अवसर पर नंदा देवी कुरुड़ समिति के अध्यक्ष कैप्टेन भागवत सिंह बिष्ट, सुखवीर रौतेला, घाट के प्रमुख कर्ण सिंह नेगी, श्याम सिंह रावत, मोहन सिंह नेगी, मुंशीचंद्र गौड़, गिरीश प्रसाद, योगेश प्रसाद, विजय प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, केप्टेन जोत सिंह समेत कई लोग शामिल थे।1चमोली जिले में गंगोलगांव की छंतोली ब्रहमकमल लेने के लिए बुग्याल जाती हुई।गोपेश्वर : बंड भूम्याल की छंतोलियां श्रद्धालुओं के साथ घाट के नरेला टाप में पहुंची। छंतोली पूजा के बाद मां नंदा को नमन कर यात्र का समापन किया गया। साथ ही नंदा के लिए ले जाया गया कलेऊ प्रसाद भी समर्पित किया गया। प्रतिवर्ष बंड क्षेत्र पीपलकोटी से आयोजित होने वाली भूम्याल की छंतोलियां घाट के नरेला नामक स्थान पर पूजा अर्चना के लिए जाती हैं। इस दौरान छंतोलियां के साथ मुंगरी, ककड़ी सहित बुखणा आदि प्रसाद के रूप में मां नंदा को ले जाया जाता है। इस वर्ष भी खेतों में उगाई गई फसल की पहली खेप मां नंदा को प्रसाद के रूप में समर्पित की गई। इस दौरान श्रद्धालु नंदा अष्टमी पर छंतोली पूजा कर नरेला से वापस लौटे।
वेदनी बुग्याल में नंदा सप्तमी को आयोजित नंदा जात तर्पण कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन उनका कार्यक्रम रद्द होने के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव राकेश शर्मा हेलीकाप्टर से वेदनी बुग्याल पहुंचे। उन्होंने मां राज राजेश्वरी की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली के लिए मनौती मांगी।
1200 लोग हेलीकाप्टर से पहुंचे वेदनी
पहली बार सरकार की ओर से श्री नंदा देवी लोकजात यात्र में लोहाजंग से वेदनी बुग्याल तक हेलीकाप्टर सेवा चालू की गई थी। रविवार को हेलीकाप्टर से 200 श्रद्धालु वेदनी बुग्याल तक गए। सरकार की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो हेलीकाप्टर लगाए गए थे। एक व्यक्ति का आने जाने का किराया पांच हजार रुपए निर्धारित किया गया था।