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रामलला भीगें न इसलिए अक्टूबर में बदला जाएगा तिरपाल

रामलला के मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की छत का तिरपाल बदले जाने का आदेश भले ही सुप्रीमकोर्ट ने जारी कर दिया है, लेकिन इस पर अमल अक्टूबर में ही हो सकेगा। यह निर्णय मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकारों सहित अधिग्रहीत परिसर के पदेन रिसीवर मंडलायुक्त सूर्यप्रकाश मिश्र की आपसी सहमति से

By Test1 Test1Edited By: Published: Sun, 16 Aug 2015 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2015 02:06 AM (IST)
रामलला भीगें न इसलिए अक्टूबर में बदला जाएगा तिरपाल

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामलला के मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की छत का तिरपाल बदले जाने का आदेश भले ही सुप्रीमकोर्ट ने जारी कर दिया है, लेकिन इस पर अमल अक्टूबर में ही हो सकेगा। यह निर्णय मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकारों सहित अधिग्रहीत परिसर के पदेन रिसीवर मंडलायुक्त सूर्यप्रकाश मिश्र की आपसी सहमति से किया गया।

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कोर्ट के आदेश को ही ध्यान में रखकर तिरपाल बदलने में मजबूती का पूरा ख्याल रखा जाना है। न केवल फायरप्रूफ तिरपाल लगना है बल्कि मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की कुछ जर्जर बल्लियों को भी बदला जाना है।

इस प्रक्रिया में ऐसा भी हो सकता कि रामलला को कुछ घंटे या कुछ दिन के लिए छतविहीन होना पड़े और बरसात के मौसम में यह संभव नहीं है। ऐसे में तय किया गया कि बरसात बाद इस प्रक्रिया को शुरू किया जाए। मंडलायुक्त के साथ ही न्यायाधीश एसके सिंह तथा टीएस खान की निगरानी में अधिग्रहीत परिसर के मासिक निरीक्षण में अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा, मदनमोहन पांडेय एवं पक्षकार हाजी महबूब, स्वामी हरिदयाल, पुजारी रामदास, बादशाह खान आदि शामिल रहे।

हाजी ने रामलला के दानपात्र में डाले रुपये

बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब ने रामलला के दानपात्र में रुपये डाले। हुआ यूं कि अधिग्रहीत परिसर के मासिक निरीक्षण में पक्षकारों को रामलला के सामने दानपात्र के ऊपर हजारों रुपए दिखे, जबकि निर्देश है कि रामलला का चढ़ावा दानपात्र में डाला जाए। इसी नियम को ध्यान में रखकर पक्षकार ठिठक गए और हाजी ने आगे बढ़कर पूरी तत्परता से ऊपर पड़े रुपयों को दानपात्र में डाला। पुजारी रामदास के अनुसार यह नजारा हास-परिहास का भी सबब बना।

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