राम मंदिर बनना चाहिए, लेकिन ऐसा मंदिर बने जो राम के आदर्श को प्रस्तुत करे
राम मंदिर बनना चाहिए, लेकिन ऐसा मंदिर बने जो राम के आदर्श को प्रस्तुत करे। उसमें उनकी लीलाओं का वर्णन और चित्रण हो। यह बात शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरुवार रात बायपास स्थित बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ पर कही।
इंदौर। राम मंदिर बनना चाहिए, लेकिन ऐसा मंदिर बने जो राम के आदर्श को प्रस्तुत करे। उसमें उनकी लीलाओं का वर्णन और चित्रण हो। यह बात शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरुवार रात बायपास स्थित बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ पर कही।
साईं बाबा पर दिए गए अपने विवादित बयान पर उन्होंने कहा कि साईं बाबा का उल्लेख हिंदू धर्म ग्रंथों में नहीं है, इसलिए उनकी पूजा से मना किया है। उन्होंने मोदी सरकार पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि पाश्चात्य संस्कृति और फिल्म का आज के युवा वर्ग पर उचित प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
वर्तमान समय में युवा फिल्म कलाकारों को ही अपना आदर्श मानने लगे हैं। इस कारण भटकाव की स्थिति बन रही है। धर्म और अधर्म का भेद बताते हुए कहा कि वेदों में कही गई बात धर्म है। युवाओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि परमात्मा की साधना सगुण और निर्गुण स्वरूप में होती है। प्रभु के सगुण स्वरूप की भक्ति करते हुए उनके निर्गुण स्वरूप से एकाकार हो सकते हैं।
आज की शिक्षण प्रणाली में सिर्फ अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है। संस्कारों की शिक्षा नहीं। आवश्यकता शिक्षा प्रणाली में आवश्यक ज्ञान के समावेश की है। युवाओं में श्रद्धा की कमी नहीं है लेकिन उन्हें श्रद्धेय किसे बनाना है, इसे लेकर संशय है। मठ प्रभारी ब्रह्मचारी गिरीशानंदजी ने बताया कि उनके आगमन पर भक्तों द्वारा पाद पूजन किया गया। वे 12 दिसंबर शाम 4 बजे भोपाल रवाना होंगे। -नप्र