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Rahu Ketu Transit 2020: 23 को राहु-केतु का राशि परिवर्तन, इन क्षेत्र के लोगों को हो सकता है बड़ा फायदा

Rahu Ketu Transit 2020 राहु और केतु के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष कर्क सिंह और वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 10:23 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 10:25 AM (IST)
Rahu Ketu Transit 2020: 23 को राहु-केतु का राशि परिवर्तन, इन क्षेत्र के लोगों को हो सकता है बड़ा फायदा

Rahu Ketu Transit 2020: राहु और केतु कोई भौतिक ग्रह नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह माना जाता है। ये सूर्य और चन्द्रमा के परिक्रमा मार्ग के कटान से उत्पन्न हुए हैं। राहु स्वतंत्र रूप से शनि का प्रभाव रखता है, जबकि स्वतंत्र रूप से केतु मंगल का प्रभाव रखता है। राहु किसी ग्रह के प्रभाव को कम कर देता है। केतु किसी ग्रह के प्रभाव को काफी बढ़ा देता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5:28 बजे मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा। यहां 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेगा। राहु का यह राशि परिवर्तन इस साल की सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक होगी। इसी प्रकार, केतु का गोचर 23 सितंबर को ही सुबह 7:38 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा। यहां 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक रहेगा।

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इन राशि वालों को लाभ!

इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा। वहीं अन्य राशियों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसे मंगल का छाया ग्रह माना जाता है।

राहु इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार के क्षेत्र में सफलता देता है। वह अभिनय और राजनीति के क्षेत्र में भी सफलता देता है। आकस्मिक रूप से ऊंचाइयां भी देता है। केतु अनुसंधान और रहस्य के क्षेत्र में सफलता देता है। यह व्यक्ति को साहसी भी बनाता है। केतु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को अध्यात्मिक सफलता भी देता है। यह व्यक्ति को धार्मिक स्थलों की यात्रा भी करवाता है।

राहु-केतु का अशुभ प्रभाव क्या है?

राहु जीवन में आकस्मिक समस्याएं पैदा करता है। यह व्यक्ति के जीवन और आदतों को दूषित कर देता है। इसके कारण व्यक्ति मलिन और धूर्त हो जाता है। राहु अज्ञात भय, अज्ञात रोग और आत्महत्या की तरफ भी ले जाता है। केतु रोग की आशंका को काफी बढ़ा देता है। यह गंभीर विकार या किडनी के रोग और त्वचा की विचित्र समस्याएं देता है। यह कभी-कभी व्यक्ति को तंत्र मंत्र के गलत रास्ते पर भी ले जाता है।

ज्योतिषशास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी को नरक बना देते हैं और अगर देने पर आएं तो गरीब को भी राजा बना देते हैं। इस वलह से इन दोनों का राशि परिवर्तन कई लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, तो कुछ राशियों कों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

बीमारी में मिल सकती है राहत

2020 का मूलांक 4 आता है। इसका राशि स्वामी राहु है। राहु का असर कोरोना वायरस व अन्य बीमारियों से भी जुड़ा दिख रहा है। राहु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है। राहु के राशि परिवर्तन से अचानक लाभ, अचानक कष्ट या नुकसान देखने को मिल सकता है। प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''


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