लौट आए रघुनाथ जी, बजौरा में मिली कुल्लू से चोरी त्रेता युग की मूर्ति
कुल्लू के रघुनाथ मंदिर से चोरी अधिष्ठाता रघुनाथ जी की त्रेता युगकालीन मूर्ति शुक्रवार को बरामद हो गई। यह मूर्ति पुलिस ने बजौरा में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी के समीप से बरामद की। इसी मूर्ति के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी मिल गई। रघुनाथ जी के लौटने की खबर
कुल्लू, जागरण संवाददाता। कुल्लू के रघुनाथ मंदिर से चोरी अधिष्ठाता रघुनाथ जी की त्रेता युगकालीन मूर्ति शुक्रवार को बरामद हो गई। यह मूर्ति पुलिस ने बजौरा में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी के समीप से बरामद की। इसी मूर्ति के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी मिल गई। रघुनाथ जी के लौटने की खबर फैलते ही कुल्लू में आतिशबाजी शुरू हो गई। भगवान शालीग्राम व गणेशजी की मूर्तियां कुल्लू के ब्यासा मोड़ स्थित बिपाशा मार्किट के समीप ब्यास किनारे मिलीं, जो क्रेट वाल के साथ पत्थरों के नीचे छिपाई गई थी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था संजय कुंडू ने रघुनाथ जी की मूर्ति समेत अन्य मूर्तियां बरामद होने की पुष्टि की है। सूचना पर शुक्रवार शाम करीब छह बजे पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र वर्मा और विशेष जांच टीम प्रमुख निहाल चंद टीम लेकर ब्यासा मोड़ पहुंचे। वहां कुछ मूर्तियां मिलीं व टीम के कुछ सदस्य ने सर्च ऑपरेशन जारी रखा। सुरेंद्र वर्मा व निहाल चंद अन्य टीम लेकर बजौरा की ओर रवाना हुए। वहां हाउसिंग बोर्ड के समीप सर्च ऑपरेशन के दौरान रघुनाथ जी मूर्ति मिली। कुछ देर खुदाई के बाद हनुमान जी की मूर्ति भी वहीं बरामद हो गई।
बताया जा रहा है चोरीशुदा सोने और चांदी का अधिकतर सामान भी बरामद हुआ है, लेकिन कुछ सामान की बरामदगी अभी बाकी है।
टनकपुर में है मास्टरमाइंड
वारदात का मास्टरमाइंड नर बहादुर भारत-नेपाल सीमा के समीप टनकपुर में है। उसे हिमाचल पुलिस की टीम ने हिरासत में ले रखा है। वहीं से उसकी निशानदेही पर कुल्लू में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को कामयाबी मिलती रही। मास्टरमाइंड को कुल्लू लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इंटरपोल की मदद से मास्टरमाइंड को धरा जा सका।
यह सामान हुआ था चोरी
रघुनाथ मंदिर से चोर 32 लाख रुपये का सोना चांदी ले गए थे। चुराए गए सामान में रघुनाथ जी की अष्टधातु की गोल्डन प्लेटेड सोने के लॉकेट वाली मूर्ति, सोने की चेन वाली हनुमान जी की मूर्ति, सोने की प्लेट से ढकी नृसिंह की पत्थर की शिला (मूर्ति), गणेश जी की चांदी की मूर्ति, एक जोड़ा चरण पादुका, चांदी की आचमनी, चांदी का शंख स्टैंड, चांदी की तसली, पिडू, दो कटोरे, लोटा और घंटी शामिल थी। मंदिर से एक किलो सोना और दस किलोग्राम के लगभग चांदी भी चोरी हुआ। इसकी कीमत करीब 32 लाख रुपये है।
कब-कब क्या हुआ
* आठ दिसंबर 2014 की रात रघुनाथ मंदिर में चोरी की वारदात।
* नौ दिसंबर को सुबह मंदिर में चोरी की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई।
* रघुनाथ जी की त्रेता युगकालीन एकमात्र मूर्ति के भी चोरी होने से सन्नाटा। शोक की लहर।
* नौ दिसंबर को ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू कुल्लू पहुंचे। आइजी मध्य रेंज पीएल ठाकुर भी आए। मंदिर में जांच कार्य चलता रहा।
* विशेष जांच टीम गठित की गई। बाहरी राज्यों की पुलिस को भी किया अलर्ट।
* 10 दिसंबर को इंटरपोल, एसएसबी, सीआइएसफ, आरपीएफ व इमिग्रेशन कार्यालयों समेत अन्य एजेंसियों को पूरा ब्योरा मुहैया कराया गया। विदेशों से आने-जाने वाले लोगों की सूचियां जुटाई जाने लगी।
* 16 दिसंबर को संदिग्धों के स्केच जारी किए गए।
* 28 दिसंबर को देवी चामुंडा ने मंदिर में देववाणी के दौरान कहा जल्द मिलेंगे रघुनाथ। श्रृंगा ऋषि के दरबार में भी डाली पूछ। रघुनाथ जी के जल्द मिलने की भविष्यवाणी हुई।
* 15 जनवरी को भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने पहली बार चोरी की वारदात के मसले पर पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
* 19 जनवरी को नेपाल समेत देश के अन्य प्रांतों को आधा दर्जन पुलिस टीमें भेजी।
* नेपाल में इंटरपोल की मदद से पकड़े गए नर बहादुर जैसे को टनकपुर लाया गया।
* 23 जनवरी को शातिर नर बहादुर की निशानदेही पर सर्च ऑपरेशन। रघुनाथ जी की मूर्ति बरामद हुई।
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