नित्यानंद और राधे मां जैसे कथित संतों को नहीं देंगे सिंहस्थ में प्रवेश
स्वामी नित्यानंद और राधे मां जैसे कथित संतों को सिंहस्थ में प्रवेश नहीं देंगे। स्वामी नित्यानंद ने सरकार को धोखा देकर सिंहस्थ का ब्रांड बनने की कोशिश की। विरोध के बाद सरकार को अपने इस निर्णय को वापस लेना पड़ा। योगगुरु रामदेव और श्रीश्री रविशंकर कोई संत नहीं हैं। संतों
इंदौर। स्वामी नित्यानंद और राधे मां जैसे कथित संतों को सिंहस्थ में प्रवेश नहीं देंगे। स्वामी नित्यानंद ने सरकार को धोखा देकर सिंहस्थ का ब्रांड बनने की कोशिश की। विरोध के बाद सरकार को अपने इस निर्णय को वापस लेना पड़ा। योगगुरु रामदेव और श्रीश्री रविशंकर कोई संत नहीं हैं। संतों की जीवनचर्या और उनके कार्य अलग होते हैं। बाबा दवा-गोलियां और कॉस्मेटिक सामग्री का व्यवसाय करते हैं। यह बात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ज्ञानदास महाराज ने गुरुवार को इंदौर आगमन पर कही। वे सिंहस्थ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन दिन उज्जैन में रहेंगे।
उन्होंने शनि शिंगणापुर में महिलाओं के प्रवेश के सवाल पर कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को शक्ति स्वरूपा बताया गया है। पूजन से महिलाओं को रोकना उचित नहीं है। प्रदेश सरकार की सिंहस्थ की तैयारियों के संबंध में संतुष्टि जताते हुए कहा कि शिप्रा में छोड़ा जा रही गंदगी को पूरी तरह रोका जाना चाहिए। शिप्रा का पानी गंदा रहा तो हम स्नान नहीं करेंगे। कम्प्यूटर बाबा पर साधा निशाना कम्प्यूटर बाबा द्वारा दिल्ली में दिए जाने वाले धरने पर ज्ञानदास महाराज ने कहा- इस सब का कोई औचित्य नहीं है। सकारात्मक सोच के साथ भी विवादों को हल किया जा सकता है। संतों के नाम ऐसे नहीं होते, जैसे उनका 'कम्प्यूटर' है। वसंत पंचमी पर भोजशाला में नमाज और पूजन के लिए समय तय किया गया है। इसमें कुछ गलत नहीं है।