Move to Jagran APP

Putrada Ekadashi Puja Vidhi: इस तरह करें विष्णु जी की पूजा, बनी रहेगी श्री हरि की कृपा

Putrada Ekadashi Puja Vidhi हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का महत्व बहुत ज्यादा है। पंचांग के अनुसार पूरे वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं। यह दिन श्री हरि को समर्पित होता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी किया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:11 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 01:02 PM (IST)
Putrada Ekadashi Puja Vidhi: इस तरह करें विष्णु जी की पूजा, बनी रहेगी श्री हरि की कृपा
Putrada Ekadashi Puja Vidhi: इस तरह करें विष्णु जी की पूजा, बनी रहेगी श्री हरि की कृपा

Putrada Ekadashi Puja Vidhi: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का महत्व बहुत ज्यादा है। पंचांग के अनुसार, पूरे वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं। यह दिन श्री हरि को समर्पित होता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी किया जाता है। 24 जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। इसे पौष पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि यह पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। मान्यता है कि इस दिन संतान प्राप्ति की कामना व उनकी लंबी आयु के लिए व्रत किया जाता है। जो व्यक्ति संतान की इच्छा करते हैं उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए। अगर इस दिन दंपत्ति मिलकर पूजा करें तो इसका फल शुभ होता है। तो आइए जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा कैसे की जानी चाहिए।

loksabha election banner

इस तरह करें पुत्रदा एकादशी की पूजा:

इस दिन व्यक्ति को ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए। सभी नित्यकर्मों से निवृत होकर स्नानादि कर लें। फिर पूजा घर में बैठें। यहां की अच्छे से साफ-सफाई करें। व्रत करने वाले दिन से एक दिन पहले से आप सात्विक भोजन करें तो अच्छा होगा। फिर भगवान विष्णु की पूजा के लिए उनकी तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। व्रत का संकल्प लें। विष्णु जी का अभिषेक करें। फिर उनकी पूजा चंदन, सिंदूर, फूल आदि से करें। श्री हरि को प्रसाद अर्पित करें। इस पूरे दिन व्रत करना होता है। इस दिन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्यनुसार दान करना चाहिए।

व्रत के दिन इन नियमों का करें पालन:

जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें कृष्ण जी के बाल रूप की अराधना अवश्य करनी चाहिए। इन्हें पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। यह शुभ होता है। साथ ही इस दिन तामसिक भोजन करना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.