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Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में खरीदारी करने से नहीं लगता है दोष, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

Pitru Paksha 2021 पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का प्रारंभ 21 सितंबर से प्रारंभ हो गया है। पितृ पक्ष को लेकर एक बात लोगों के मन में रहती है कि इस समय में खरीदारी करें या न करें। बहुत लोग पितृ पक्ष को अशुभ मानकर खरीदारी नहीं करते हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 10:30 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 10:30 AM (IST)
Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में खरीदारी करने से नहीं लगता है दोष, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष में खरीदारी करने से नहीं लगता है दोष, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

Pitru Paksha 2021: पितरों की आत्म तृप्ति के लिए समर्पित पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का प्रारंभ 21 सितंबर से प्रारंभ हो गया है। पितृ पक्ष में पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण, पूजा पाठ आदि कर्म किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वजों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं। उनके आत्म शांति और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भोजन, दान, तर्पण आ​दि किया जाता है। वे प्रसन्न होकर हमें वंश वृद्धि, धन, विद्या, ऐश्वर्य और उन्नति का आशीष देते हैं। पितृ पक्ष को लेकर एक बात लोगों के मन में रहती है कि इस समय में खरीदारी करें या न करें। बहुत लोग पितृ पक्ष को अशुभ मानकर खरीदारी नहीं करते हैं, जबकि पितृ पक्ष तो अपने पितरों का स्मरण करने का समय ​होता है। इस समय में विवाह, मुंडन आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं, लेकिन पूजा पाठ और खरीदारी की मनाही नहीं होती है।

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अपने पितरों की आत्म संतुष्टि के लिए श्राद्ध पक्ष में किया दान एवं पूजा-पाठ श्राद्ध कहलाता है। आप श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों में नए वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं। आपके पितर जब पृथ्वी पर आएंगे और आपको सुखी एवं समृद्ध देखेंगे, तो वे भी खुश होंगे।

कुछ लोग मानते हैं कि पितृ पक्ष में नए वाहन, घर, वस्त्र आ​दि की खरीदारी से पितर नाराज हो जाएंगे और उनको दोष लगेगा। लेकिन ऐसा नहीं होता है। पितरों के प्रसन्न होने से ही आपके घर में सुख समृद्धि आती है।

ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, आप पूरे वर्ष शुभ मुहूर्त में नए वाहन, भवन, भूमि, वस्त्र, आभूषण आदि की खरीदारी कर सकते हैं। हां, यदि आपके परिवार में किसी का निधन हो गया है और सूतक लगा है तब शुभ कार्य और मांगलिक कार्यों के लिए खरीदारी नहीं की जाती है।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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