Pitru paksha 2019 Matri Navami: श्राद्ध में मातृ नवमी का है विशेष महत्व, पितरों के आशीष से पूर्ण होती हैं सभी मनोकामनाएं
Pitru paksha 2019 Matri Navami Matri Navami shradh significance of Matri Navami मातृ नवमी आज है। इस दिन उन सभी महिलाओं की पूजा की जाती है जिनका निधन हो चुका है।
Pitru paksha 2019 Matri Navami: पितृ पक्ष में मातृ नवमी का विशेष महत्व है। हर वर्ष आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी होती है, इस दिन उन सभी महिलाओं की पूजा की जाती है, जिनका निधन हो चुका है। मातृ नवमी आज सोमवार को है। इस दिन माता, दादी, नानी आदि का श्राद्ध किया जाता है, जिससे वे तृप्त होकर आशीष देती हैं और श्राद्ध करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकानाएं पूरी होती हैं। परिवार में धन-धान्य, ऐश्वर्य बना रहता है और परिजनों को जीवन में तरक्की मिलती है।
पितृ पक्ष के मातृ नवमी को सौभाग्यवती नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घर की महिलाओं को व्रत रखना चाहिए। व्रत के साथ इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इससे मातृ शक्ति प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा परिवार पर हमेशा बनी रहती है।
मातृ नवमी का श्राद्ध
सुबह के समय स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद दक्षिण दिशा में हरे रंग का कपड़ा बिछा लें। इसके पश्चात जो भी मातृ शक्ति हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनको मानकर एक सुपारी उस वस्त्र पर स्थापित कर दें।
इसके बाद उन सभी पितरों के नाम से एक दीपक जलाएं। दीपक में तिल के तेल का प्रयोग करें। इस दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को गीता के 9वें अध्याय का पाठ भी करना चाहिए।
ब्राह्मणों को दान दें
श्राद्ध के बाद ब्राह्मणों को भोजन में हरी बस्तुओं का दान करना अच्छा रहता है। इस दिन आप लौकी का खीर, पालक, हरी मूंग आदि भोजन के साथ ब्राह्मण को दें।
मातृ पितरों को अर्पित करने के लिए आपने श्रद्धापूर्वक जो भी भोजन बनाया है, उसे एक पात्र में निकाल कर कौओं को जरूर दे दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि उस भोजन को कौए ग्रहण कर लेते हैं तो वह भोजन आपके पितरों को प्राप्त हो जाता है। इस वजह से आपको भी कुछ भोजन उनको देना चाहिए।
कहा जाता है कि यदि कौए आपके दिए भोजन को ग्रहण नहीं करते हैं तो माना जाता है कि पितर नाराज हैं। पितरों के नाराज होने से परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ा है। परिवार का विकास प्रभावित होता है।