पितृपक्ष मेले में श्रद्धालुओं का आना जारी
उत्तर मानस सरोवर के साथ-साथ 54 पिंडवेदियों पर शनिवार को श्रद्धालुओं द्वारा तर्पण और पिंडदान का कार्य संपन्न हुआ। उधर पितृपक्ष मेले में आने श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है, लेकिन प्रशासन द्वारा गया जी आए श्रद्धालुओं का सही-सही आकलन शनिवार देर शाम तक नहीं दिया गया। अनुमानत: तीन दिनों के अंदर एक लाख यात्री
गया, जागरण संवाददाता। उत्तर मानस सरोवर के साथ-साथ 54 पिंडवेदियों पर शनिवार को श्रद्धालुओं द्वारा तर्पण और पिंडदान का कार्य संपन्न हुआ। उधर पितृपक्ष मेले में आने श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है, लेकिन प्रशासन द्वारा गया जी आए श्रद्धालुओं का सही-सही आकलन शनिवार देर शाम तक नहीं दिया गया। अनुमानत: तीन दिनों के अंदर एक लाख यात्री गयाजी को नमन करने आए हैं।
17 दिवसीय पितृपक्ष मेले में कर्मकांड करने के अलग-अलग विधान हैं। सामर्थवान पुत्र 17 दिन तक श्राद्ध कर्म करते हैं। वैसे 15 दिन के इस पख की भीड़ शुक्रवार से बढ़ी है जो लगातार चल रही है। कई श्रद्धालु एक दिवसीय व तीन दिवसीय कर्मकांड में भी विश्वास रखते हैं। वैसे लोग अपने पितरों के तिथि के अनुसार गया श्राद्ध करने के लिए आते हैं।
श्राद्धकर्म से जुड़े लोगों का मानना है कि गयाजी की भूमि पर आकर पितरों का नमन कर लेना ही उन्हें मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर देता है। इस निमित तीर्थयात्रियों का आना लगातार जारी है। ज्यादातर तीर्थयात्री रेल और सड़क मार्ग से गयाजी आते हैं। गया कालेज के सामने प्रशासन ने बस पड़ाव बनाया है। यहां विभिन्न प्रदेशों से बसें तीर्थयात्रियों को लेकर पहुंच रही हैं। इस बार मेले में पुलिस कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है। जिसका खामियाजा भी शहरवासियों के साथ-साथ पिंडदानी को भुगतना पड़ रहा है। पुलिसकर्मियों का व्यवहार बाहर से आए तीर्थयात्रियों के प्रति सही नहीं है। उनकी बोली में 'गुस्सा' है। जो सुनने वाले को नागवार गुजरता है।
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