आज संपन्न हुआ गया का पितृपक्ष मेला
15 दिनों से चल रहा गया का प्रसिद्ध पितृपक्ष आज संपन्न हो गया। गया के स्थानीय देवघाट पर आज तर्पण करेंगे। पितृपक्ष मेला आठ सितंबर से शुरू हुआ था। मेले की तैयारियों में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ था। देश विदेश से करीब दस लाख श्रद्धालु इस बार गया पहुंचे थे। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत भी गया पहुंच कर पिंडदान किया था। मेले के
गया। 15 दिनों से चल रहा गया का प्रसिद्ध पितृपक्ष आज संपन्न हो गया। गया के स्थानीय देवघाट पर आज तर्पण करेंगे। पितृपक्ष मेला आठ सितंबर से शुरू हुआ था। मेले की तैयारियों में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ था। देश विदेश से करीब दस लाख श्रद्धालु इस बार गया पहुंचे थे। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत भी गया पहुंच कर पिंडदान किया था। मेले के दौरान गया के विष्णुपद मंदिर में भी लोगों ने पूजन अर्चन किया इसके बाद फल्गु नदी में लोगों ने पूर्वजों का पिंडदान किया। मेले समापन को लेकर गया प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रात को विधिवत मेले का समापन किया जाएगा।
लौटने लगा तीर्थ यात्रियों का कारवां
पितृपक्ष मेला के अवसान की घड़ी आने में अब चंद घंटे ही शेष बचे हैं। अपने पितरों को मोक्ष दिलाने को लेकर देश के विभिन्न प्रांतों से आए सनातन धर्मावलंबी अब अपने घर की लौटने लगे हैं।
रेलमार्ग से अपने घर को लौटने वाले तीर्थयात्रियों की भीड़ गया जंक्शन से खुलने व गुजरने वाली ट्रेनों में देखी जा रही है। यात्रियों की सुरक्षा में लगे रेलवे सुरक्षा बल तथा राजकीय रेल पुलिस के अधिकारी, जवान मंगलवार को सतर्कता बढ़ा दी है। विशेष कर फुट ओवर ब्रिज पर बल के अधिकारी व जवान भीड़ को नियंत्रित करते हुए पुल पर बेवजह खड़े रहने से मना कर रहे हैं। स्टेशन प्रबंधक बीएन प्रसाद ने बताया कि इस बार ट्रेनों के प्लेटफार्म नहीं बदले गए। जिससे यात्रियों में भगदड़ की स्थिति नहीं बनी।
परिचालन विभाग के कर्मचारियों ने मेला पदाधिकारी एरिया आफिसर आरएन मुखर्जी के निर्देश का अनुपालन करते हुए तीर्थयात्रियों की अपरोक्ष रूप से सेवा दी। टिकट बुकिंग व आरक्षण टिकट काउंटर पर कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त रहने से किसी को टिकट लेने में परेशानी नहीं हुई। पहली बार मशीन से गया जंक्शन की साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी रही। दूसरे जगह से आए रेलकर्मी, सुरक्षाकर्मियों के हर सुविधा का बेहतर ख्याल रखा गया। स्काउट एंड गाइड के बच्चों ने यात्रियों को हरसंभव सहायता पहुंचाया।