नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Phulera Dooj 2023: फाल्गुन मास शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि फाल्गुन मास में सभी व्रत एवं त्योंहारों का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक है फुलेरा दूज पर्व। मान्यता ही कि फुलेरा दूज पर्व के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। पंचांग के अनुसार यह पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन विवाह, चल-अचल सम्पत्ति की खरीदारी और अध्यात्मिक कार्य को बहुत ही उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं, कब है फुलेरा दूज पर्व, पूजा मुहूर्त और इसका महत्व?
फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त एवं तिथि (Phulera Dooj 2023 Date)
हिन्दू पंचांग के अनुसार फुलेरा दूज पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के रखा जाता है। इस वर्ष पर्व इस तिथि का शुभारंभ 21 जवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 34 मिनट पर होगा और इसका समापन अगली सुबह 22 जनवरी 2023 को प्रातः 04 बजकर 27 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार यह पर्व 21 जनवरी 2023 के दिन मनाया जाएगा। बता दें कि फुलेरा दूज पर्व के दिन श्री कृष्ण-राधा की पूजा गोधुलि मुहूर्त में की जाएगी, जो शाम 06 बजकर 42 मिनट से शाम 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।
फुलेरा दूज पूजा महत्व (Phulera Dooj 2023 Shubh Muhurat)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की उपासना करने से प्रेम संबंध अच्छे होते हैं और साथी के साथ जीवन में उत्पन्न हो रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। फुलेरा दूज पर्व के दिन राधा रानी को श्रृंगार की अर्पित करें और फिर इनका दान कर दें। माना जाता है कि इस दिन किए मांगलिक कार्यों का फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है और साधक को सुख, समृद्धि, धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।