Move to Jagran APP

Pauranik Katha: क्यों करने पड़े थे बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी को 3 विवाह, पढ़ें पौराणिक कथाएं`

Pauranik Katha हिंदू शास्त्रों के अनुसार पवनपुत्र हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे। उन्होंने जीवन भर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया और प्रभु श्री राम की सेवा की। हनुमान जी के विवाह को लेकर 3 पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनकी जानकारी हम आपको यहां द रहे हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 08:00 AM (IST)
Pauranik Katha: क्यों करने पड़े थे बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी को 3 विवाह, पढ़ें पौराणिक कथाएं`
Pauranik Katha: क्यों करने पड़े थे बाल ब्रह्मचारी हनुमान जी को 3 विवाह, पढ़ें पौराणिक कथाएं`

Pauranik Katha: हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पवनपुत्र हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे। उन्होंने जीवन भर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया और प्रभु श्री राम की सेवा की। लेकिन कई जगहों पर उनके विवाह का वर्णन किया गया है। आंध्रप्रदेश में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जहां उनकी पत्नी के साथ उनकी मूर्ति स्थापित है। यह एकमात्र ही ऐसा मंदिर है जो हनुमान जी के विवाह का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी के विवाह को लेकर 3 पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनकी जानकारी हम आपको यहां द रहे हैं।

loksabha election banner

पहली कथा के अनुसार, पराशर संहिता में सूर्य की पुत्री सुवर्चला और हनुमान जी के विवाह का उल्लेख किया गया है। हनुमान जी सूर्यदेव के शिष्य थे। सूर्यदेव चाहते थे कि वो हनुमान जी को 9 विद्याओं का ज्ञान दें। इनमें से 5 विद्याएं तो हनुमान जी ने सीख ली थीं। लेकिन बाकी की 4 विद्याओं के लिए उन्हें विवाह करना अनिवार्य था। ऐसे में स्थिति को देखते हुए सूर्य देवता ने अपनी पुत्री का विवाह हनुमान जी के साथ संपन्न करा दिया। लेकिन विवाह के बाद सुवर्चला सदा के लिए तपस्या में लीन हो गईं और हनुमान जी ब्रह्मचारी रहे।

दूसरी कथा के अनुसार, रावण की दुहिता अनंगकुसुमा के साथ हनुमान जी का विवाह हुआ था। इसका उल्लेख पउम चरित से मिलता है। इसके अनुसार, रावण और वरुण देव के बीच जब युद्ध हुआ था तब हनुमान जी वरुण देव की तरफ थे। हनुमान जी से युद्ध में रावण की हार हुई। हारने के बाद रावण ने अपनी दुहिता अनंगकुसुमा का विवाह हनुमान जी से कर दिया।

तीसरी कथा के अनुसार, वरुण देव की पुत्री सत्यवती से हनुमान जी का विवाह हुआ था। जब रावण और वरुण देव के बीच युद्ध हो रहा था तब हनुमान जी के चलते ही वरुण देव को विजय प्राप्त हुई थी। इससे प्रसन्न होकर उन्होंने अपनी पुत्री सत्यवती का विवाह हनुमान जी से कर दिया था।

इन सब के साथ यह कहा जाता है कि हनुमान जी ने विवाह तो किया लेकिन कभी विवाहित जीवन व्यतीत नहीं किया इसलिए उन्हें आज भी ब्रह्मचारी ही कहा जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.