Panchak 2022: आज से शुरू हो रहे हैं पंचक, अगले 5 दिन बिल्कुल न करें ये कार्य, वरना होगी हानि
Panchak 2022 चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है तो यह समय पंचक का माना जाता है। पंचक की अवधि पांच दिन की होती है। इसलिए इसे पंचक कहा जाता है। पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा शतभिषा उत्तरा भाद्रपद पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र आते हैं।
नई दिल्ली, Panchak August 2022: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले ज्योतिष गणना के आधार पर शुभ, अशुभ मुहूर्त जरूर निकाला जाता है। मान्यता है कि शुभ काम को अगर खास मुहूर्त में किया जाए, तो उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। ऐसे ही हर मास में 5 दिनों के अशुभ मुहूर्त आता है, जिसे पंचक कहते हैं। पंचक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही है। ज्योतिष गणना के अनुसार, आज दोपहर से पंचक शुरू हो रहे हैं जो 16 अगस्त को रात तक होंगे। जानिए इस दौरान कौन से कार्य करने की है मनाही।
ज्योतिष गणना के अनुसार, शुक्रवार के दिन पंचक पड़ने के कारण इसे चोर पंचक के नाम से जाना जाता है। यह पंचक बहुत ही घातक और अशुभ माना जाता है।
क्या है पंचक?
चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है तो यह समय पंचक का माना जाता है। पंचक की अवधि पांच दिन की होती है। इसलिए इसे पंचक कहा जाता है। पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र आते हैं।
कब से कब तक पंचक
12 अगस्त 2022, शुक्रवार को पंचक दोपहर 2 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 16 अगस्त, मंगलवार को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट तक होंगे।
पंचक के दौरान न करें ये काम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के दौरान चारपाई बनवाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से भविष्य में किसी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है।
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है। इस दिशा में यात्रा करने से किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- पंचक के दौरान छत नहीं बनवानी चाहिए। अगर वह पहले से बन रही हैं, तो उसे कर सकते हैं। ऐसा करने से धन की हानि के साथ घाट होने का भय बना रहता है।
- चोर पंचक के दौरान किसी भी तरह के पैसों के लेनदेन से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस पंचक में धन की हानि होने की संभावनाएं प्रबल रहती हैं।
- गरुण पुराण के अनुसार, पंचक के दौरान अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो शव का अंतिम संस्कार करते समय किसी पंडित जी से पूछकर आटे या कुश (एक प्रकार की घास) के पांच पुतलों को भी शव के साथ रखकर पूरे विधान के साथ अंतिम संस्कार करना चाहिए। ऐसा करने से पंचक के दोष से मुक्ति मिलती है।
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