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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

यूं तो उनकी न कोई जाति है न धर्म। खून के रिश्ते भी नहीं। हां जन्म से वो हिंदू या मुस्लिम जरूर है। बावजूद इसके वो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। मुस्लिम-हिंदू में कोई फर्क नहीं। मुसलमान रोजा रखते हैं तो हिंदू चार धाम यात्रा। कभी कोई झगड़ा फसाद नहीं, सब साथ-साथ हैं। इनका बस एक ही धर्म है भाईचारा। एक ही कर्म सबकी खुशियों क

By Edited By: Published: Wed, 08 Jan 2014 12:39 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2014 12:43 PM (IST)
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

आगरा। यूं तो उनकी न कोई जाति है न धर्म। खून के रिश्ते भी नहीं। हां जन्म से वो हिंदू या मुस्लिम जरूर है। बावजूद इसके वो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। मुस्लिम-हिंदू में कोई फर्क नहीं। मुसलमान रोजा रखते हैं तो हिंदू चार धाम यात्रा। कभी कोई झगड़ा फसाद नहीं, सब साथ-साथ हैं। इनका बस एक ही धर्म है भाईचारा।

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एक ही कर्म सबकी खुशियों के लिए ऊपरवाले से दुआ मांगना। अर्जून नगर की मिलन वाटिका में आयोजित अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन में मंगलवार को भी उल्लास रहा। धार्मिक आयोजन के बाद ढोलक की थाप, तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खाना, गाना और मस्ती का माहौल रहा। इसमें सभी धर्म और जाति की किन्नर हैं। मुस्लिम किन्नर रोजे रखते हैं तो हिंदू नवरात्र व्रत। इन सबके बावजूद इनके लिए किन्नर धर्म और अपने-अपने गुरु के आदेश का कड़ाई से पालन करना उनके लिए सवरेपरि है। किन्नर गुरु हरियाबाई ने बताया कि उनके समाज में समरसता और सद्भाव तो है लेकिन बैर नहीं।

हरियाबाई ने बनाया जयपुर की किन्नर को बेटी-किन्नरों कोई परिवार तो होता नहीं है। इसलिए आपस में ही रिश्ते बनाते है। मंगलवार को सम्मेलन की संयोजक हरियाबाई ने जयपुर से आई रेखा को अपनी बेटी बना लिया। हरियाबाई ने बताया कि अब दोनों ही एक दूसरे का ख्याल रखेंगी। धर्म बेटी बनाने की रस्म बड़े जोश ओ खरोश के साथ हुई। इस दौरान ग्वालियर से आए कलाकारों ने गीत, संगीत की प्रस्तुतियां दीं।

देहदान की प्रेरणा-हेल्प आगरा के संरक्षक अशोक गोयल मंगलवार को सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने किन्नर गुरुओं से मुलाकात करके उन्हें देहदान की प्रेरणा दी।

फीरोजाबाद से आई किन्नर गुरु मोहिनी की वेदना थी कि समाज इतना पढ़ गया। लेकिन हम जहां भी खड़े होते हैं, मजाक बनाया जाता है। लोगों को इस मानसिकता से ऊपर उठना चाहिए। हम भी समाज का हिस्सा हैं। हमें भी समाज में घुलने-मिलने का मौका चाहिए। यदि ऐसे हुआ तो यह समाज में बड़ा परिवर्तन नजर आएगा।

जयपुर से आई किन्नर गुरु मनीषा बाई भले ही घर-घर जाकर बधाई मांगती हों, लेकिन वे समाज में विकास देखना चाहती हैं। यही वजह है कि वे एक एनजीओ की मदद से वहां किन्नरों के स्तर को बढ़ाने और रोजगार परक शिक्षा देने का काम कर रही हैं। किन्नर मनीषा बाई ने 'जागरण' को बताया कि जो शिक्षित और सुंदर किन्नर हैं, वे मॉडलिंग के क्षेत्र में भी बढ़ रही हैं। वह खुद मुंबई में बॉलीवुड अभिनेत्री और माडॅल बिपाशा बसु के सामने रैंप पर कैटवॉक कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर में एनजीओ की मदद से एक सेंटर ऐसा चला रही हैं, जिसमें किन्नरों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, ताकि वे समय के साथ-साथ अपने आप को बदल सकें। कहती हैं शिक्षित होने के बाद ही ये किन्नर अपने इस पुराने काम से हट सकेंगे। वह बताती हैं कि दिल्ली में मशहूर ब्यूटीशियन शिल्पी और विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी त्रिपाठी भी किन्नर हैं और उनकी अपनी पहचान है। सभी धर्म के किन्नर रहते हैं प्रेम भाव से।

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