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Sawan 2022: दिल्ली के इस मंदिर में रोजाना होता है 4400 शिवलिंग का जलाभिषेक, इस विधि से करें भगवान शिव को प्रसन्न

Sawan 2022 मयूर विहार फेज-एक स्थित हरिधाम आश्रम में प्रतिदिन 4400 शिवलिंग का जलाभिषेक किया जा रहा है। ये शिवलिंग मिट्टी के बनाए जाते हैं। जलाभिषेक के बाद ये पुन मिट्टी में तब्दील हो जाते हैं। इसके बाद अगले दिन फिर से यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Published: Wed, 03 Aug 2022 10:06 PM (IST)Updated: Wed, 03 Aug 2022 10:06 PM (IST)
Sawan 2022: दिल्ली के इस मंदिर में रोजाना होता है 4400 शिवलिंग का जलाभिषेक, इस विधि से करें भगवान शिव को प्रसन्न
Sawan 2022: भगवान राम ने वनवास के दौरान मिट्टी के शिवलिंग की ही पूजा की थी।

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए सावन के महीने को विशेष माना जाता है। इस महीने में सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए रोजाना भक्तों की भीड़ मंदिर में देखी जा सकती है। खासकर सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी कतारे लग जाती हैं। वहीं, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए राजधानी दिल्ली के एक मंदिर में अनोखी पूजा चल रही है।

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रोजाना होता है 4400 शिवलिंग का जलाभिषेक

दरअसल, मयूर विहार फेज-एक स्थित हरिधाम आश्रम में प्रतिदिन 4400 शिवलिंग का जलाभिषेक किया जा रहा है। ये शिवलिंग मिट्टी के बनाए जाते हैं। जलाभिषेक के बाद ये पुन: मिट्टी में तब्दील हो जाते हैं। इसके बाद अगले दिन फिर से यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। आनंद निरवाणी पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज की देखरेख में प्रतिदिन यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।

सवा लाख शिवलिंग के जलाभिषेक का लक्ष्य

आश्रम के अंदर शिव दुर्गा नरसिंह मंदिर है। इसके पुजारी मनीष जोशी ने बताया कि इस बार सावन में स्वामी बालकानंद का यहां प्रवास चल रहा है। इस वजह से इस बार पूरे माह में सवा लाख शिवलिंग के जलाभिषेक का लक्ष्य रखा गया है। प्रतिदिन मंदिर के सेवादार इन शिवलिंग को तैयार करते हैं। इनकी गिनती होती है। इसके बाद पूजा शुरू होती है।

पूरे विधि विधान से पांच प्रकार के फूल, पांच तरह के फल, पांच प्रकार के सूखे मेवे से इनका शृंगार किया जाता है। जलाभिषेक किया जाता है। ये पार्थिव शिवलिंग कहलाते हैं। भगवान राम ने वनवास के दौरान मिट्टी के शिवलिंग की ही पूजा की थी। मनीष जोशी ने बताया कि यह प्रक्रिया 14 जुलाई से शुरू है और 12 अगस्त तक चलेगी। शाम को विशेष आरती का प्रबंध किया जाता है।

रुद्राभिषेक करने का महत्व समझाया

बुधवार को जलाभिषेक के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। इन्हें संबोधित करते हुए गो माता के घी से रुद्राभिषेक करने का महत्व समझाया। इस दौरान यजमान के रूप में शंभू नाथ अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल, विनोद धारीवाल, विला धारीवाल, विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत के धर्माचार्य संपर्क प्रमुख दीपक गुप्ता, विजय कांत पांडेय, साध्वी मंजूश्री आदि मौजूद रहे।


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