Navratri Kanya Puja 2020: कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें ख्याल, जानें महत्व
Navratri Kanya Pujan नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी एक साथ पड़ रही हैं। इन दो दिन मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को घर बुलाया जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है।
Navratri Kanya Pujan: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी एक साथ पड़ रही हैं। इन दो दिन मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को घर बुलाया जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि नवरात्रि के नौं में हर दिन 1, 3, 5, 9, 11 विषम संख्या में अपनी क्षमता के अनुसार कन्या का पूजन करना चाहिए। अगर हर दिन संभव ना हो तो अष्टमी, नवमी को भी कन्या पूजन कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक हो जाता है। यहां हम आपको इन्हीं बातों के बारे में बता रहे हैं।
कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें ख्याल:
1. अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को भोजन कराते समय उनके साथ एक बालक को जरूर बैठाएं और भोजन कराएं। बालक को बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है। देवी मां के साथ भैरव की पूजा जाने की बेहद अहम मानी जाती है।
2. कन्या पूजन में केवल 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं को ही बैठाना चाहिए।
3. इस दौरान कन्याओं के पैर दूध और पानी से धोने चाहिए। उन्हें किसी साफ स्थान पर ही बैठाना चाहिए। साथ ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
4. कन्याओं को खीर पूड़ी या हल्वा पूरी खिलाएं। चने की सब्जी भी इस दिन बनाई जाती है।
5. कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें कुछ न कुछ उपहार जरूर दें। उपहार आप अपने सामार्थ्यनुसार चुन सकते हैं।
कन्या पूजन का महत्व:
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर क्रमश: मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। 9 कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन कराया जाता है। इन्हें मां दुर्गा के 9 स्वरूप माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक को भी बैठाना चाहिए। मां के साथ भैरव की उपासना भी अहम है। ऐसा करने से मां प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
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