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Muharram 2021: इस्लामिक इतिहास में अशूरा का महत्व, जानिये कैसे मानवता के लिए इमाम हुसैन ने दी शहादत

Muharram 2021 मुहर्रम के अशूरा के दिन पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन सहित 72 साथियों ने कर्बला के मैदान में अपनी शहादत दी थी इसीलिए इस्लाम में अशूरा का बहुत महत्व है। इस दिन शिया समुदाय हुसैन की कुर्बानी को मानवता को रक्षा के लिए याद रखती है।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 07:17 AM (IST)
Muharram 2021: इस्लामिक इतिहास में अशूरा का महत्व, जानिये कैसे मानवता के लिए इमाम हुसैन ने दी शहादत
Muharram 2021: इस्लामिक इतिहास में अशूरा का महत्व, जानिये कैसे मानवता के लिए इमाम हुसैन ने दी शहादत

Muharram Mahina Aur Ashura : इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार मुहर्रम महीना साल का पहला महीना है। हिजरी के अनुसार 9 अगस्त को इस्लामिक न्यू ईयर था। मुहर्रम माह की शुरुआत 9 अगस्त से हो गई थी, जो 7 सितंबर तक चलेगा। इस्लामिक इतिहास में इस माह को गम के माह के रूप में याद किया जाता है। मुहर्रम महीने के अशूरा के दिन पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन सहित 72 साथियों ने कर्बला के मैदान में शहादत दी थी। इसीलिए इस्लाम में अशूरा का बहुत महत्व है। इस दिन शिया समुदाय हुसैन की कुर्बानी को मानवता को रक्षा के लिए याद रखती है। आइये जानते हैं इस्लाम में अशूरा का क्या महत्व है।

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1. मुहर्रम महीने में शिया समुदाय के बहुत सारे लोग पूरे महीने काले कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा इमाम की याद में मजलिस किया जाता हैं। जिसमें सभी इमाम हुसैन के याद करके गम जाहिर करते हैं। 

2. मुहर्रम महीने के दसवें दिन यानि अशूरा के दिन पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी शहादत दी थी।

3. मुहर्रम महीने में मुसलमान 9 वें और 10 वें दिन रोज़ा रखते हैं। यह रोज़ा इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में रखा जाता हैं। 

4. मुहर्रम महीने में पड़ने वाले अशूरा के दिन काले कपड़े पहनकर इमाम हुसैन की याद में मातम मनाते हैं। यह मातम उनके द्वारा  लड़ाई संघर्ष को दर्शाता है।

5. अशूरा के दिन इमाम हुसैन की याद में ताजिया निकाला जाता है। जिसे पूरे नगर में घूमाकर एक जगह दफनाया जाता है। यह इमाम हुसैन के कर्बला में दफनाएं जाने का प्रतीक होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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