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Motivational Story: आप जैसा करते हैं, वैसा ही फल मिलता है, पढ़ें यह प्रेरक कहानी

Motivational Story आदमी जैसा कर्म करता है वैसा ही फल उसे प्राप्त होता है। ऐसी कहानियां और कथाएं आपने काफी पढ़ी और सुनी होंगी। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको इससे जुड़ी ही एक लघु कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए पढ़ते हैं

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 06:41 AM (IST)
Motivational Story: आप जैसा करते हैं, वैसा ही फल मिलता है, पढ़ें यह प्रेरक कहानी
Motivational Story: आप जैसा करते हैं, वैसा ही फल मिलता है, पढ़ें यह प्रेरक कहानी

Motivational Story: अक्सर आपने कुछ लोगों को हमेशा परेशान रहते देखा होगा। वे किस बात से परेशान है, इसका अंदाजा लगाना सबके बस की बात नहीं क्योंकि वे अपनी चिंता दूसरे से साझा भी नहीं करते हैं। दरअसल आदमी जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल उसे प्राप्त होता है। ऐसी कहानियां और कथाएं आपने काफी पढ़ी और सुनी होंगी। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको इससे जुड़ी ही एक लघु कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए पढ़ते हैं:

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एक समय की बात है। एक गांव में दो दो किसान थे। वे खेती के साथ-साथ बागवानी भी करते थे। एक किसान ने अपने बाग में आम उगाए थे, तो दूसरे ने किसान ने लीची उगाए थे। फलों के सीजन में उनके बाग में अच्छी पैदावार हुई, तो वे दोनों अपने-अपने फल बाजार में बेचने के लिए गए।

बाजार से लौटते समय उन दोनों ने अपने लिए पांच-पांच किलो फल बचा लिए थे। वापस लौटते समय दोनों किसान रास्ते में मिले। दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे। आम वाला किसान बोला- मैंने फल बचा तो लिए, लेकिन इस बार खूब फसल हुई, हम लोगों ने खूब आम खाए। अब खाने का बिल्कुल भी मन नहीं है।

लीची वाले किसान ने कहा -यही हाल मेरा भी रहा। इस बार लीची की अच्छी पैदावार हुई है। दोनों ने यह फैसला किया कि दोनों आपस में फल बदल लेते हैं। आम वाले ने लीची ले ली और लीची वाले किसान ने आम, लेकिन आम वाला किसान बहुत लालची था। उसने दूसरे किसान से नजर बचाकर कुछ आम अपने लिए बचाकर रख लिए।

वहीं दूसरी ओर, लीची वाला किसान आम पाकर बहुत खुश हुआ। वे दोनों अपने घर चले गए। घर जाकर लीची वाले किसान ने पूरे परिवार को आम खिलाए और उसे बड़ी अच्छी नींद आई। लेकिन आम वाला किसान रात भर शंका में जागता रहा। उसे यह लग रहा था कि उसकी तरह लीची वाले किसान ने कुछ लीचियां छुपाकर तो नहीं रख ली हैं। वह उस रात बहुत परेशान रहा।

कथा का सार

गलत काम करने वाला कभी खुश नहीं रहता। वह हर समय संशय का दुख उठाता रहता है।


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