Motivational Story: सहारा इंसान को कर देता है खोखला, खुद की सहन शक्ति पर रखें भरोसा
Motivational Story जागरण अध्यात्म में आज हम आपके लिए जो कहानी लाए हैं उसमें यह बताया गया है कि व्यक्ति को किसी के सहारे की जरुरत नहीं होती है। व्यक्ति को अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं आज की यह प्रेरक कहानी।
Motivational Story: जागरण अध्यात्म में आज हम आपके लिए जो कहानी लाए हैं उसमें यह बताया गया है कि व्यक्ति को किसी के सहारे की जरुरत नहीं होती है। व्यक्ति को अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं आज की यह प्रेरक कहानी। एक बार एक बादशाह सर्दियों की शाम जब अपने महल के अंदर जा रहा थआ तब उसने एक दरबान को देखा जो बहुत बूढ़ा था। वह महल के समद दरवाजे पर पुरानी और बारीक वर्दी पहनकर पहरा दे रहा था। बादशाह ने उस बूढ़े दरबान के पास में अपनी सवारी को रुकने के लिए कहा। राजा ने उस बूढ़े दरबान से पूछा कि क्या उसे ठंड नहीं लग रही है? दरबान जवाब देते हुए कहा कि राजा साहब ठंड तो बहुत लग रही है हुजूर। लेकिन क्या करूं। मेरे पास गर्म वर्दी नहीं है। इसलिए मैं ठंड को बर्दाश्त कर रहा हूं।
तब राजा ने कहा कि वो महल के अंदर जाकर उसके लिए कुछ कपड़ा या जोड़ा भिजवाता है। दरबान यह सुन बेहद खुश हुआ और बादशाह को फर्शी सलाम किया और आजिजी का इजहार किया। लेकिन जब बादशाह महल में गया तो वह बूढ़े दरबान से किया गया अपना वादा भूल गया।
अगले दिन सुबह के समय दरवाजे पर बूढ़े दरबान की अकड़ी हुई लाश पड़ी मिली। उसके पास पड़ी मिट्टी पर उसने अपनी उंगलियों से लिखा था, “बादशाह सलामत! मैं कई सालों से सर्दियों में इसी वर्दी में दरबानी कर रहा था। मुझे कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन कल रात आपके गर्म लिबास के वादे ने मेरी जान निकाल दी।”
इस कहानी का सार यह है कि सहारा इंसान को खोखला कर देते हैं। वहीं, उम्मीदें कमजोर कर देती हैं। व्यक्ति को अपनी ताकत के बल पर जीना चाहिए। अपनी सहन शक्ति और खूबी पर भरोसा करना हम सभी को सीखना चाहिए।