Motivational Story: युवक ने दृष्टिहीन युवती को क्यों दान कर दी अपनी आंखें? पढ़ें प्रेरक कथा
Motivational Story परोपकार की कीमत क्या हो सकती है? या इसे इस तरह से समझें कि जब आप किसी की भलाई करते हैं तो बदले में आप क्या चाहते हैं? किसी की मदद करने या किसी पर उपकार करने की कीमत नहीं होती है।
Motivational Story: परोपकार की कीमत क्या हो सकती है? या इसे इस तरह से समझें कि जब आप किसी की भलाई करते हैं तो बदले में आप क्या चाहते हैं? किसी की मदद करने या किसी पर उपकार करने की कीमत नहीं होती है। वह नि:स्वार्थ भावना से की जाती है। भलाई करने वाला व्यक्ति यह कभी नहीं चाहता है कि बदले में उसे भी कुछ मिले। यदि उसे बदले में कुछ चाहिए तो फिर वह उपकार कैसा। आइए पढ़ते हैं एक दृष्टिहीन युवती और युवक की प्रेरक कथा।
एक युवती की आंखें एक दुर्घटना में चली गई थीं। उसे अपनी जिंदगी बोझ लगने लगी। अपने जीवन से गिले-शिकवों के बीच ही उसे एक युवक मिला। वह युवती का बड़ा खयाल रखता। उस युवक के जिंदगी में आने से युवती के अंदर जीने की इच्छा पैदा हुई। उसे युवक की बातें बहुत अच्छी लगतीं। उसने युवक से शादी करने की इच्छा जताई।
युवक ने लड़की से कहा- मैं तुम्हारी आंखों की रोशनी वापस लाने की कोशिश करूंगा। तुम फिर दुनिया को देख सकोगी। उसने युवती की आंखों का आपरेशन बड़े अस्पताल में करवाया। जिस दिन उसकी आंखों की पट्टी खुली, उसने सबसे पहले युवक को देखा और वह यह देखकर आश्चर्यचकित रह गई कि युवक की आंखें नहीं थीं। उसके सारे सपने धरे रह गए।
उसने कहा- मैं एक नेत्रहीन से शादी नहीं कर सकती। युवक इस बात पर मुस्कुराया और कहा- अब तुम दुनिया को देख सकती हो, उसे भरपूर जी सकती हो। मेरा उद्देश्य पूरा हुआ, मैं चलता हूं। मेरी आंखों का खयाल रखना।
कथा का सार
नि:स्वार्थ भाव से भलाई करने वाला कभी यह नहीं सोचता कि उसे बदले में क्या मिलेगा।
डिस्क्लेमर
''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''