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Motivational Story in Hindi: दूसरे के नजरिए को समझना है जरूरी, विवाद के बजाय स्थापित करें बेहतर संवाद

Motivational Story in Hindi एक बार एक शिक्षक कक्षा में छात्रों को पढ़ा रहे थे। उसी समय दो बच्चे आपसे में झगड़ने लगे। जब शिक्षक ने बच्चों के झगड़ते देखा तो...

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 02:47 PM (IST)
Motivational Story in Hindi: दूसरे के नजरिए को समझना है जरूरी, विवाद के बजाय स्थापित करें बेहतर संवाद
Motivational Story in Hindi: दूसरे के नजरिए को समझना है जरूरी, विवाद के बजाय स्थापित करें बेहतर संवाद

Motivational Story in Hindi: एक बार एक शिक्षक कक्षा में छात्रों को पढ़ा रहे थे। उसी समय दो बच्चे आपसे में झगड़ने लगे। जब शिक्षक ने बच्चों के झगड़ते देखा तो उन्होंने पूछा, “क्या बात है? तुम दोनों झगड़ा क्यों कर रहे हो?” उनमें से एक बच्चे ने कहा, “सर! ये मेरी बात सुन ही नहीं रहा है। अपनी बात ही बात पर अड़ा हुआ है।” वहीं, दूसरा बच्चा बोला, “सर, ये जो कह रहा है वो गलत है तो मैं इसकी बात क्यों सुनूं?” यह सब कहकर दोनों फिर से लड़ने लग गए। शिक्षक दोनों की सुलह करना चाहता था इसलिए उसने दोनों को अपने पास बुलाया। दोनों छात्र शिक्षक की डेस्क के पास गए। एक डेस्क की एक ओर और दूसरी तरफ दूसरा छात्र खड़ा हो गया।

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शिक्षक ने डेस्क की दराज खोली और एक बॉल निकाली। अध्यापक ने बॉल को डेस्क के बीचों-बीच रख दिया। शिक्षक ने दोनों छात्रओं से बोला कि इस बॉल को देखों और बताओ कि यह बॉल किस रंग की है? पहला छात्र बोला कि यह बॉल सफेद रंग की है। वहीं, दूसरे छात्र ने कहा कि यह बॉल काले रंग की है। शिक्षक को दोनों बच्चों ने अलग-अलग जवाब दिए। दोनों ही बच्चे अपने बात पर अडिग रहे। दोनों में फिर से लड़ाई होने लगी। इसके बाद शिक्षक ने दोनों बच्चों से उनकी जगह बदलने को कहा।

दोनों ने अपनी जगह बदल ली। फिर शिक्षक ने एक बार फिर पूछा कि अब बताओ ये गेंद किस रंग की है। इस बार भी दोनों बच्चों ने अलग-अलग जवाब दिए। इस बार पहले छात्र ने कहा, “सर, गेंद काली है।” तो दूसरे छात्र ने कहा, “सर, गेंद सफेद है।” हालांकि, इस बार वो अपने-अपने जवाब को लेकर हैरान हो गए। फिर शिक्षक ने दोनों बच्चों के समझाया, “ये गेंद दो रंगों की बनी हुई है। एक तरफ से काली और दूसरी तरफ से सफेद है। तुम दोनों ही अपने जवाब पर सही हो। लेकिन इसमें फर्क इतना ही है किजिस जगह से तुमने देखा उस जगह से गेंद का रंग अलग था। वहीं, दूसरे बच्चे ने जहां से देखा उसका रंग अलग था।

जीवन भी ऐसा ही होता है। किसी भी परिस्थिति को देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग होता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि मत भिन्न होने से वो गलत हो जाते हैं। फर्क बस नजरिए का होता है। अत: किसी भी विवाद में पड़ने से अच्छा है कि व्यक्ति एक-दूसरे का नजरिया समझें। दोनों छात्रों को यह बात समझ आ गई। इसके बाद दोनों बच्चों ने अपना झगड़ा भुला दिया।

सीख- जीवन में परिस्थितयां अलग-अलग हो सकती हैं। इन्हें देखने का हर व्यक्ति का नजरिया अलग हो सकता है। कई बार लोग जाने-अनजाने में किसी भी बात पर अपनी टिप्पणी दे देते हैं और अपनी बात पर अड़ जाते हैं। इससे विवाद या बहस बढ़ जाती है। ऐसे में आपको सबसे पहले परिस्थिति या मामले को अच्छे से जान लेना चाहिए। साथ ही दूसरे के नजरिए को जरूर जान लेना चाहिए। इससे विवाद नहीं बल्कि बेहतर संवाद स्थापित होता है।  


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