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Motivational Story: कठिनाइयां लेती हैं हमारे हौसले की परीक्षा, पढ़ें मकड़ी और उसके जाले की ये प्रेरक कहानी

Motivational Story हर हफ्ते में हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लाने की कोशिश करते हैं जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ सके और जीवन को देखने के आपके नजरिए में सकारात्मक प्रभाव हो सके।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 12:22 PM (IST)
Motivational Story: कठिनाइयां लेती हैं हमारे हौसले की परीक्षा, पढ़ें मकड़ी और उसके जाले की ये प्रेरक कहानी
Motivational Story: कठिनाइयां लेती हैं हमारे हौसले की परीक्षा, पढ़ें मकड़ी और उसके जाले की ये प्रेरक कहानी

Motivational Story: हर हफ्ते में हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लाने की कोशिश करते हैं जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ सके और जीवन को देखने के आपके नजरिए में सकारात्मक प्रभाव हो सके। आज भी हम आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लाए हैं जो हमें सिखाती है कि परिस्थितियां कभी-भी बदल सकती हैं। किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होता है हमें हमेशा अपना हौंसला मजबूत रखना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए। तो चलिए पढ़ते हैं मकड़ी की यह प्रेरणादायक कहानी।

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एक शहर में एक बड़ा संग्रहालय था जिसके बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थीं। ये वो पेंटिंग्स थीं जिन्हें संग्रहालय में जगह नहीं मिली थी। काफी समय से बेसमेंट में पड़ी इन पेंटिंग्स पर जाला बन गयाथा। इसी बेसमेंट की कोने में एक पेंटिंग थी जिस पर बने जाले एक मकड़ी ने बहुत मेहनत से बुना था। देखा जाए तो वह उसका घर था। इसका ख्याल वो बेहद प्यार से खरती थी। इसी दौरान एक दिन संग्रहालय के रख-रखाव और साफ-सफाई का काम शुरू हो गया। इस क्रम में कुछ पेंटिंग्स जो बेसमेंट में रखी थीं उन्हें संग्रहालय में रखा जाने लगा। जब मकड़ियों ने यह देखा तो वह सभी अपना जाला छोड़ कहीं और चली गईं।

लेकिन एक मकड़ी ऐसी थी जिसने अपना जाला नहीं छोड़ा। यह वही मकड़ी थी जिसने कोने की पेंटिंग पर अपना जाला बुना था। उसको लगा कि हर पेंटिंग को तो संग्रहालय नहीं ले जाया जाएगा तो ऐसे में हो सकता है कि उसके जाले वाले पेंटिंग को भी न ले जाया जाए। कुछ समय बीता। ज्यादा से ज्यादा पेंटिंग को उठाया जाने लगा। लेकिन वो अपने जाले यानी अपने घर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। इसलिए उसने अपना जाला नहीं छोड़ा।

फिर एक दिन ऐसा हुआ कि उस कोने में रखी पेंटिंग को म्यूजियम के लोग ले जाने लगे। ऐसे में मकड़ी को जाला छोड़ना ही पड़ रहा था। जाला छोड़ने के ख्याल से ही वो बेहद परेशान थी। क्योंकि वो जाला उसने बहुत मेहनत से बनाया था। लेकिन उसे अपना घर छोड़ना पड़ा। कुछ दिन तो वो इधर-उधर भटकती रही। उसे कई दिन परेशान होना पड़ा। वह बेहद दुखी रहा करती थी।

वह म्यूजियम में रखे अपने घर को बहुत याद करती थी। वह दुखी होती थी कि उसके घर से अच्छी जगह उसे नहीं मिल सकती है। लेकिन अब इन सब बातों का मतलब नहीं था क्योंकि उसे अपने लिए एक नया घर खोजना था। वह लगातार प्रयास करती रही। इस दौरान एक दिन वह एक सुंदर से बगीचे में पहुंच गई। वहां एक कोना ऐसा था जो बेहद शांत था। उसे वो कोना बहुत पसंद आया। वहां पर उसने एक सुंदर-सा जाला तैयार किया जो पहले से भी खूबसूरत था। उसने सोचा कि अगर वो पहले की स्थिति पर दुखी होती रहती तो न तो वो इतना सुंदर घर कभी बना पाती और न ही उसमें रह पाती। फिर वह खुशी-खुशी वहां रहने लगी।

सीख- कई बार जीवन में ऐसा समय आ जाता है जो इन व्यक्ति को तोड़कर रख देता है। जब हमारा सब-कुछ बिखर जाता है। इस तरह की स्थिति में हम सभी अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं। वास्तव में यह हमारे हौंसले की परीक्षा होती है। हमें कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो हम अपनी स्थितियों को बदल सकते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बार-बार गिरने के बाद भी आसमान की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।


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