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Motivational Story: हीनभावना से ना हों ग्रसित, पढ़ें बारहसिंगा की यह प्रेरक कथा

Motivational Story जीवन में सभी चीज की अहमियत होती है। जिंदगी में कुछ छोटा और कुछ बड़ा नहीं होता है। कभी भी किसी चीज को कम नहीं आंकना चाहिए। समय आने पर सभी चीजें अपने होने का एहसास कराते है।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:24 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 11:24 AM (IST)
Motivational Story: हीनभावना से ना हों ग्रसित, पढ़ें बारहसिंगा की यह प्रेरक कथा
Motivational Story: हीनभावना से ना हों ग्रसित, पढ़ें बारहसिंगा की यह प्रेरक कथा

Motivational Story: जीवन में सभी चीज की अहमियत होती है। जिंदगी में कुछ छोटा और कुछ बड़ा नहीं होता है। कभी भी किसी चीज को कम नहीं आंकना चाहिए। समय आने पर सभी चीजें अपने होने का एहसास कराती हैं। किसी भी चीज को लेकर मन में हीन भावना नहीं रखना चाहिए। व्यक्ति को रंग, रूप को लेकर किसी को अपमानित नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बारहसिंगा की कहानी का विस्तार से वर्णन करेंगे।

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एक जंगल में एक बारहसिंगा रहता था। उसे अपने खूबसूरत सींगों पर बहुत गर्व था। वह जब भी तालाब में पानी पीने जाता था, तो परछाई में अपने सींग को देखकर काफी खुश होता था परंतु अपनी टांगें देखकर उसे बुरा लगता था क्योंकि उसकी टांगे पतली और भद्दी थीं। वह हमेशा सोचता था कि काश उसकी टांगे भी सुंदर होतीं, तो कितना सही होता। इसी वजह से टांगो को लेकर बहुत हीन भावना से ग्रसित रहता था।

एक दिन जंगल में अचानक से कुछ शिकारी शिकार पर आ गए। शिकारी खूबसरत सींग वाले बारहसिंगा को देखकर उसके पीछे पड़ गए। बारहसिंगा अपने पैरों की मदद से तेज दौड़ते हुए शिकारियों से काफी दूर निकल गया। लेकिन भागते हुए उसके सींग झाड़ियों में फंस गए। बारहसिंगा अपने सींग छुड़ाने की कोशिश कर रहा था और शिकारी लगातार निकट आते जा रहे थे।

बहुत कोशिश करने के बाद वह अपने सींग को छुड़ा पाया। शिकारी निकट थे, तो वह टांगों पर जोर देते हुए आगे बढ़ गया। भागकर वह अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थान पहुंचा पाया। बारहसिंगाा ने चैन की लंबी सांस ली और सोचने लगा कि मैं भी कितना बड़ा मूर्ख हूं। अपने सींगों की खूबसूरती पर इतराता था। आज इन्ही की वजह से मैं भारी संकट में फंस गया था। टांगों को मैं भद्दी कहकर कोसा करता था, आज उन्हीं टांगों ने मेरी जान बचाई।

कहानी की शिक्षा

दोस्तों इस दुनिया मे कोई भी चीज पूर्ण नहीं होती है। सभी चीज में कुछ न कुछ कमी और कुछ न कुछ अच्छाई होती है। आप जैसे भी हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं। खुद से प्यार करें। यकीन मानिए यह कमी ही आपकी मजबूती बन जाएगी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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