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अक्षय तृतीया 2018: इस दिन होंगी सवा लाख से ज्‍यादा होंगी शादियां

पंडित दीपक पांडे ने बताया है कि अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त कहलाता है अत: कई विवाह होंगे। एक अनुमान के अनुसार पूरे देश में सवा लाख से ज्‍यादा युगल विवाह बंधन में बंधेंगे।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 03:12 PM (IST)Updated: Wed, 18 Apr 2018 08:50 AM (IST)
अक्षय तृतीया 2018: इस दिन होंगी सवा लाख से ज्‍यादा होंगी शादियां
अक्षय तृतीया 2018: इस दिन होंगी सवा लाख से ज्‍यादा होंगी शादियां

अत्‍यंत शुभ है ये तिथि

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अक्षय तृतीया को ही गंगा नदी स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर आई थी इसलिए इस दिन गंगा में स्नान करना और गंगा का पूजन करना अत्‍यंत उत्तम माना गया है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व दीपावली के समान ही है। भारतीय ज्योतिष में वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है इसे त्रेता युग के प्रारंभ की तिथि माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस बार 3 बज कर 30 का मुहूर्त सबसे प्रमुख मुहूर्त है। इस दिन कोई भी नया कार्य प्रारंभ करना शुभ होता है। भगवान गणेश ने महाभारत लेखन का कार्य अक्षय तृतीया से ही प्रारंभ किया था। ऐस में ये समझा जा सकता है कि अक्षय तृतीया कितना महत्वपूर्ण है जिसका महत्त्व वैदिक एवं पौराणिक काल से वर्तमान समय तक माना जाता है।

 अक्षय तृतीया के मौके पर स्नान दान का भी विशेष महत्व है। 

लाखों की संख्‍या में विवाह

यही कारण है कि इस शुभ मुहूर्त में देश भर अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्यों की बहार आ जाती है। ऐसा अनुमान है कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर करीब सवा लाख से अधिक जोड़े एक दूसरे का हाथ थाम लेंगे। अक्षय तृतीया पर बुधवार का दिन कृतिका नक्षत्र आयुष्मान योग में है जिसमें आयुष्मान योग सहभागी बन रहा है। इसके अलावा अक्षय तृतीया पर बुधवार का विशेष सहयोग मिलने के साथ, कृतिका नक्षत्र और रूबी नक्षत्र के मिलन के साथ तृतीया होने से भगवान लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा और सभी ग्रहों एवं नक्षत्रों का यह मिलन अपने में खास है। 

अन्‍य विशेषतायें

युग प्रारंभ होने की स्थिति के चलते इसे योगा अतिथि भी कहा जाता है। इस दिन नारायण की जयंती भी है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के विशेष अवतार के रूप में देव जयंती भी होती है, और इस दिन 10 महाविद्याओं में मातंगी महाविद्या की भी जयंती होती है। काशी में त्रिलोचन महादेव की दर्शन यात्रा भी इसी दिन शुरू होती है। उत्तराखंड की तीर्थ यात्रा शुरू होती है। अक्षय तृतीया एक सिद्ध मुहूर्त होता है, जिसमें ग्रीष्म ऋतु में सबसे ज्यादा मांगलिक कार्य होते हैं।


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