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Margashirsha Purnima 2022: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन होती है मंत्रों की नायिका की पूजा, जानें मंत्र व उपाय

Margashirsha Purnima 2022 हिन्दू धर्म में मर्शिर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान दान और तप करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनके सभी दुखों का नाश होता है। इस विशेष दिन पर त्रिपुरा सुंदरी जयंती भी मनाया जाता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2022 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 02:08 PM (IST)
Margashirsha Purnima 2022: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन होती है मंत्रों की नायिका की पूजा, जानें मंत्र व उपाय
Margshirsha Purnima 2022: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर जानिए त्रिपुर सुंदरी माता के मंत्र और उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Margashirsha Purnima 2022, Tripur Sundari Jayanti: हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष मास का विशेष महत्व है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होने के कारण पूजा-पाठ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाले पूर्णिमा तिथि को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किए गए स्नान, दान और तप से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी दुखों का नाश होता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा 7 दिसंबर 2022, बुधवार (Margashirsha Purnima 2022 Date) के दिन पड़ रहा है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने सभी कलाओं में परिपूर्ण रहता है। यही कारण है कि इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है। इसके साथ मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन त्रिपुर सुंदरी जयंती भी मनाया जाता है।

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शास्त्रों के अनुसार माता त्रिपुर सुंदरी वैदिक मंत्रों की नायिका हैं। इसलिए इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से और कुछ उपायों का पालन करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और अज्ञानता वश हुए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि त्रिपुर सुंदरी जयंती को शिव विद्या जयंती के नाम से सम्बोधित किया जाता है। आइए जानते हैं त्रिपुर सुंदरी माता के मंत्र और प्रसन्न करने के उपाय।

माता त्रिपुर सुंदरी मंत्र (Tripur Sundari Mantra)

  • ऐं क्लीं सौ: बालात्रिपुरे स्वाहा।

  • ऐं क्लीं सौ: बाला त्रिपुरे सिद्धिं देहि नम:।

  • ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरमर्दने सर्व शुभं साधय स्वाहा।

पूर्णिमा के दिन माता त्रिपुर सुंदरी के लिए करें ये उपाय

शास्त्रों में माता त्रिपुर सुंदरी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के हवन और तप के विषय में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि त्रिपुर सुंदरी जयंती के दिन दूध में मिश्रित गुडूची फूलों से हवन करने से भक्तों को लाभ मिलता है। साथ ही उन्हें अकाल मित्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

इस विशेष दिन पर मधु अर्थात शहद और दही की आहुति देने से स्वास्थ्य में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही नारियल की आहुति देने से सम्पत्ति में वृद्धि होती है। इसके साथ पूजा के दौरान बाल षोडशी की उपासना करने से विद्या और धन की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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