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मंगल हुआ वक्री, देशों में आपस में बढ़ सकता है तनाव

नक्षत्रों की चाल में परिवर्तन हो रहा है। मंगल वक्री हो गया है। मंगल को साहस बल हिंसा क्रोध और कर्ज का कारक माना जाता है। मंगल इस समय अपनी राशि मेष में स्थित है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 09:30 AM (IST)
मंगल हुआ वक्री, देशों में आपस में बढ़ सकता है तनाव
मंगल हुआ वक्री, देशों में आपस में बढ़ सकता है तनाव

नक्षत्रों की चाल में परिवर्तन हो रहा है। मंगल वक्री हो गया है। मंगल को साहस बल हिंसा क्रोध और कर्ज का कारक माना जाता है। मंगल इस समय अपनी राशि मेष में स्थित है। मेष राशि में मंगल 66 दिन वक्री रहेगा और वक्री अवस्था में ही मीन राशि में प्रवेश करेगा। दिनांक 10, 11, 12, 13, 17 सितंबर 2020 इस हिसाब से बहुत अच्छे नहीं रहेंगे।

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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि जैसा कि मंगल युद्ध के हालात पैदा करेगा और आने वाले अगले 10 दिनों में कोई न कोई ऐसा माहौल बनेगा जो विश्व शांति के लिए खतरा होगा। मंगल अभी अश्विनी नक्षत्र में है और अश्विनी नक्षत्र कि हम बात करें तो वह सबसे ज्यादा मूवेबल नक्षत्र है यानि की दौड़ लगाने वाला नक्षत्र है। मेष चर राशि है और मूव होती है। कोई भी डॉक्यूमेंट या कागजात बुध होता है और इस समय बुध पूरा पूरा शत्रु भाव में है यदि कोई कागजों में काम होगा तो खतरा अधिक है क्योंकि डाक्यूमेंट्स साइन होंगे तो एक्शन जरूर होगा।

ज्योतिषीय गणना के मुताबिक भारत चीन पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल सिंगापुर भूटान वर्मा श्रीलंका स्पेन इराक ईरान बॉर्डर टर्की थाईलैंड फिलिपींस जापान अमेरिका फ्रांस इटली और रूस इन पर मंगल भारी है। एक कारण यह भी है कि मंगल यानि भूमिगत अनुसंधान खनन तेल के कुएं भूमिगत गैस पाइपलाइन भूकंप समुद्री हलचल आदि को कहते हैं। ये ग्रह गोचर कोई पहली बार खराब नहीं हो रहे हैं। इससे पहले भी खतरनाक हो चुके हैं। देश काल पात्र अनुसार ज्योतिष एक संकेत देता है और फल का अनुमान देता हैं। अतः इन देशो में कुछ तो बड़ा होने की संभावना है। साथ साथ ज्योतिष का एक बेसिक और अच्छा तथ्य हैं कि वक्री ग्रह बलवान होता हैं। तर्क यह कि वह वक्री हो कर जिस राशि की तरफ बढ़ेगा उसका और जिस राशि से बढ़ेगा उसका दोनो का बल प्राप्त होता है।

अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण जन शून्य स्थानों पर घटना होने की संभावना अधिक है। शुक्र कर्क राशि में हैं। कर्क तुला और मीन ये तीन राशियाँ सभी 12 राशियों में सबसे शुभ हैं। ठीक इसी प्रकार गुरू शुक्र और बुध को 9 ग्रहो में सबसे शुभ ग्रह माने जाते हैं। शुभ राशि में शुभ ग्रह तो कर्क राशि में शुक्र हैं अतः बचा लेंगे। इसके लिए ऊॅ नमोः नारायणाये। ऊॅ नमोः भगवते वासुदेवाय। हं हनुमते नमः। ऊॅ नमः शिवाय का जाप करना राहत दे सकता है।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. '' 


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