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Makar Sankranti 2022: आज है मकर संक्रांति का पर्व, जानिए स्नान दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Makar Sankranti 2022 आज सूर्य देव के पूजन का पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का पुण्य काल और पूजन विधि के बारे में.....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 09:37 AM (IST)
Makar Sankranti 2022: आज है मकर संक्रांति का पर्व, जानिए स्नान दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Makar Sankranti 2022: आज है मकर संक्रांति का पर्व, जानिए स्नान दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Makar Sankranti 2022: आज सूर्य देव के पूजन का पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसके साथ ही इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन से देवताओं के दिन की शुरूआत होती है। इसके साथ ही आज खरमास की भी समाप्ति हो रही है। इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का पुण्य काल और पूजन विधि के बारे में.....

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मकर संक्रांति पर स्नाना-दान का शुभ मुहूर्त -

ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। सूर्य इस दिन दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही खरमास और दक्षिणायन की भी समाप्ति होगी। अगले छह माह के लिए उत्तरायण लग जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संक्रांति काल में स्नान – दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मकर संक्रांति का मुहूर्त -

पुण्य काल मुहूर्त : दिन में 02:29 बजे से शाम को 05:58 बजे तक

महापुण्य काल मुहूर्त: दिन में 02:29 से 02:52 तक

संक्रांति पल: 14:29

मकर संक्रांति की पूजा विधि –

मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य के पूजन का विधान है। सूर्य को नवग्रहों का स्वामी और प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। जो प्रतिदिन साक्षत प्रकट हो कर भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। मकर संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में या संक्रांति काल में स्नान कर सूर्य पूजन करना चाहिए। सूर्य पूजन में सबसे पहले तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य देव को लाल रंग के फूल और रोली चढ़ानी चाहिए। साथ ही सूर्य देव के मंत्रों और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने तथा खिचड़ी और तिल गुड़ का दान करना सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

 

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मकर संक्रांति के पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं, इस अवसर पर सभी की सुख-समृद्धि एवं निरोगी जीवन की कामना है। मकर संक्रांति का पर्व देश के विभिन्न भागों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। सूर्यदेव की उपासना का यह पर्व हमारे देश की समृद्ध विरासत एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

View attached media content - Bharat Bhushan Ashu (@Ashumla) 14 Jan 2022

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समस्त देशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।

View attached media content - Tirath Singh Rawat (@TirathSinghRawat) 14 Jan 2022

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Greetings and best wishes on the auspicious occasion of Makar Sankranti, Pongal, Bhogi, Magh Bihu and Uttarayan. May the festivals bring prosperity and happiness in everybody’s life. - Balwinder Singh Laddi (@bsladdiofficial) 14 Jan 2022


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