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Maha Shivratri 2021: 11 को है महाशिवरात्रि, किस राशि वाले के लिए है कौनसा मंत्र

Maha Shivratri 2021 शिवरात्रि के दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं। प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को आता है। इस साल महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 02:52 PM (IST)
Maha Shivratri 2021: 11 को है महाशिवरात्रि, किस राशि वाले के लिए है कौनसा मंत्र
Maha Shivratri 2021: 11 को है महाशिवरात्रि, किस राशि वाले के लिए है कौनसा मंत्र

Maha Shivratri 2021: शिवरात्रि के दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं। प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को आता है। इस साल महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को है। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिवयोग' भी विद्यामान रहेगा। इन योगों के विद्यमान रहने पर रुद्राभिषेक करना, शिव नाम कीर्तन करना, शिवपुराण का पाठ करना अथवा शिव कथा सुनना, दान पुण्य करना तथा ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना अतिशुभ माना गया है।

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चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे बजकर कर 2 मिनट तक रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं। महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं विशेष करके चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, माँ के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है। इस कारण 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा।

महाशिवरात्रि का निशीथ काल 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है।महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए। कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है।

महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहू्र्त:

महाशिवरात्रि तिथि: - 11 मार्च 2021

महाशिवरात्रि निशिता काल: 11 मार्च (रात 12:06 से लेकर 12:55 तक) अवधि: 48 मिनट

महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर: 11 मार्च (शाम 06:27 से लेकर 09:29 तक)

महाशिवरात्रि द्वितिय प्रहर: 11 मार्च (रात 09:29 से लेकर 12:31 तक)

महाशिवरात्रि तृतीय प्रहर: 11 मार्च (रात 12:31 से लेकर 03:32 तक)

महाशिवरात्रि चतुर्थ प्रहर: 12 मार्च (सुबह 03:32 से लेकर 06:34 तक)

महाशिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च (सुबह 06:34 से लेकर शाम 03:02 तक)

राशि अनुसार करें महाशिवरात्रि के दिन इन मंत्रों का जाप:

मेष- ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें।

वृषभ- ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें।

मिथुन- ॐ अनंताय नम: का जाप करें।

कर्क-ॐ दयानिधि नम: का जाप करें।

सिंह- ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें।

कन्या- ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें।

तुला-ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें।

वृश्चिक- ॐ अच्युताय नम: का जाप करें।

धनु- ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें।

मकर- ॐ अजयाय नम: का जाप करें।

कुंभ-ॐ अनादिय नम: का जाप करें।

मीन- ॐ जगन्नाथाय नम: का जाप करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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