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Kumbh 2019: क्यों है संगम तट पर प्रयागराज में इस पर्व का इतना महत्‍व

इस बार 15 जनवरी से 4 मार्च तक प्रयागराज में संगम तट पर अर्द्घ कुंभ का आयोजन हो रहा है। यूं तो कुंभ अपने आप में महत्वपूर्ण होते हैं परंतु प्रयाग में इसका महत्व क्यों आैर बढ़ जाता है बता रहे हैं पंडित दीपक पांडे।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 11:02 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 09:31 AM (IST)
Kumbh 2019: क्यों है संगम तट पर प्रयागराज में इस पर्व का इतना महत्‍व
Kumbh 2019: क्यों है संगम तट पर प्रयागराज में इस पर्व का इतना महत्‍व

अर्द्घ कुंभ का महत्व

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वास्तव में ये कुंभ अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि इस अवधि में सारे गृह अपनी सर्वोत्तम स्थिति में होते हैं। जब सूर्य आैर चंद्रमा एक साथ मकर राशि में, गुरू वृश्चिक राशि में, आैर सूर्य उत्तरायण में होते हैं तब अर्द्घकुंभ का आयोजन होता है। 2019 का कुंभ 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक प्रयागराज में हो रहा है, इसका अपने आप में अत्यंत महत्व है। इस उत्सव का आरंभ मकर संक्रांति से होगा आैर शिवरात्रि के अर्द्ध कुंभ का अंतिम स्नान तक पूरे 50 दिन चलेगा।

कुंभ का महत्व

एेसी मान्यता है कि प्रयाग में जब भी कुंभ होता है तो पूरी दुनिया ये ही नहीं बल्कि समस्त लोकों से लोग संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने आते हैं। इनमें देवता ही नहीं ब्रह्मा, विष्णु आैर महेश यानि त्रिदेव भी शामिल हैं। ये सभी रूप बदल कर इस स्थान पर आते हैं। त्रिदेवों के बारे में प्रसिद्घ है कि वे पक्षी रूप में प्रयाग आते हैं। इस बार तो इस कुंभ का महत्व आैर भी बढ़ गया है क्योंकि अमावस्या जो मौनी अमावस्या के रूप में मनार्इ जायेगी, पर सोमवार पड़ रहा है आैर वो सोमवती अमावस्या भी बन गर्इ है।

महाकुंभ का स्थल है प्रयाग

पौराणिक कथाआें के अनुसार मान्यता है कि कुंभ का आयोजन 525 ईसा पूर्व प्रारंभ हुआ था।इस बार जनवरी 2019 से प्रयागराज में अर्धकुंभ लग रहा है, परंतु महाकुंभ भी प्रयाग में ही आयोजित होता है। ऐसी मान्यता है कि 144 वर्ष के बाद स्वर्ग में भी कुंभ का आयोजन होता है इसलिए उस वर्ष पृथ्वी पर महाकुंभ का अयोजन होता है, आैर उसके लिए भी निर्धारित स्थान प्रयाग को माना गया है। इतिहास के अनुसार कहते हैं कि 617-647 ईसवी में राजा हर्षवर्धन ने प्रयागराज में कुंभ में हिस्सा लिया था और अपना सब कुछ दान कर दिया था। इससे पहले 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ था आैर अगला महाकुंभ 2025 में लगेगा।


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