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जानिये हनुमान जी को इतना प्रिय क्यों है सिंदूर, श्रीराम से क्या है इसका संबंध

Hanuman Aur Sindoor Prem हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जिसकी वजह से भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। इसी कृपा की वजह से हनुमान जी को सिंदूर लगाया जाता है।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:30 AM (IST)
जानिये हनुमान जी को इतना प्रिय क्यों है सिंदूर, श्रीराम से क्या है इसका संबंध
जानिये हनुमान जी को इतना प्रिय क्यों है सिंदूर, श्रीराम से क्या है इसका संबंध

हम जब किसी हनुमान मंदिर जाते हैं तो हनुमान की मू्र्ति सिंदूर से रंगी हुई दिखाई देती है। प्रत्येक मंगलवार को लड्डू के साथ हनुमान जी को सिंदूर भी अर्पित किया जाता है। इसके अलावा हनुमान जी को सिंदूर का चोला भी चढ़ाया जाता है। हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जिसकी वजह से भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। इसी कृपा की वजह से हनुमान जी को सिंदूर लगाया जाता है। आइये जानते हैं कि हनुमान जी के पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप क्यों लगाया जाता है।

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हनुमान जी को प्रिय है सिंदूर

पौराणिक कथा के अनुसार, लंका से लौटने के बाद एक दिन माता सीता मांग में सिंदूर भर रही थी। तभी हनुमान जी ने माता को सिंदूर लगाते हुए देखकर पूछा कि हे माता आप सिंदूर क्यों लगाती हैं। हनुमान के इस प्रश्न का जवाब देते हुए माता सीता ने कहा कि स्वामी श्रीराम की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं।

माता सीता की बात सुनकर हनुमान ने सोचा कि अगर थोड़ा सा सिंदूर लगाने से प्रभु को इतना लाभ है तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम अमर हो जाएंगे। उस दिन से हनुमान जी पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगाने लगे। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की प्रथा प्रचलित हो गई।

सिंदूर मंत्र

सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।

 सिंदूर चढ़ाते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करें। प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी के चरणों में तुलसी के पत्तों पर सिंदूर से श्री राम लिखकर चढ़ाया जाए तो इसका उत्तम फल प्राप्त होता है। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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