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Navratri Vrat Importance: जानें नवरात्रि व्रत करने का लाभ, भगवान राम ने भी किया था ये व्रत

Navratri Vrat Importance देवीभागवत पुराण में नवरात्रि व्रत की महिमा और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। भगवान राम ने भी नवरात्रि का व्रत रखा था। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको नवरात्रि व्रत के महत्व को बता रहे हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:23 AM (IST)
Navratri Vrat Importance: जानें नवरात्रि व्रत करने का लाभ, भगवान राम ने भी किया था ये व्रत
Navratri Vrat Importance: जानें नवरात्रि व्रत करने का लाभ, भगवान राम ने भी किया था ये व्रत

Navratri Vrat Importance: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन यानी अष्टमी तिथि है। आज के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की पूजा की जाती है। लोग अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए नवरात्रि का व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की आराधना करते हैं। देवीभागवत पुराण में नवरात्रि व्रत की महिमा और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। भगवान राम ने भी नवरात्रि का व्रत रखा था। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको नवरात्रि व्रत के महत्व को बता रहे हैं। इसको जानने के लिए पढ़ें देवीभागवत पुराण का यह अंश।

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नवरात्रि व्रत का महत्व

महाराज जनमेजय ने नवरात्रि व्रत का विधान पूछा। व्यास जी ने बताया कि आत्म कल्याण के इच्छुक मनुष्य को ये व्रत अवश्य ही करना चाहिए। इस व्रत में कुमारी पूजन का बहुत महत्व है। दो वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्याओं का इस व्रत में पूजा करनी चाहिए। कन्याएं रोगरहित एवं सौन्दर्यमी होनी चाहिए।

नवरात्रि व्रत का महत्व बताते हुए व्यास जी ने कहा कि कोसल देश में सुशील नामक एक अत्यंत निर्धन वैश्य था। घर में अन्न होने के कारण उसने अपने पुत्र को घर से निकाल दिया था। वह अपनी पुत्री का विवाह करने में भी असमर्थ था। किसी ब्रह्मण श्रेष्ठ ने उसी दशा पर दया दिखाकर उसे नवरात्रि व्रत करने का सुझाव दिया। उस वैश्य ने नवरात्रि का व्रत किया, जिससे प्रसन्न होकर महाष्टमी की आधी रात को भगवती दुर्गा ने उसे दर्शन देकर कृतार्थ कर दिया।

प्रभु राम ने किया था नवरात्रि व्रत

स्वयं भगवान श्रीराम ने नारद जी के परामर्श से रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए इस नवरात्रि व्रत का अनुष्ठान किया था। अष्टमी की मध्य रात को मां दुर्गा ने उनको भी साक्षात् दर्शन दिया और कहा कि हे नरोत्तम! देवताओं के अंश से उत्पन्न ये वानर मेरी शक्ति से संपन्न होकर आपके सहायक होंगे। आपके अनुज लक्ष्मण मेघनाद का वध करेंगे और आप स्वयं पापी रावण का संहार करेंगे। इसके बाद 11 हजार वर्षों तक आप पृथ्वी पर राज्य कर अपने लोक को प्रस्थान करेंगे। भगवती का वरदान प्राप्त कर भगवान राम ने विजय प्राप्त की।


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