पंचाग के नजरिये से जाने आज की तिथि और उसके प्रभाव
बुधवार 29 नवंबर 2017 को दशमी तिथि प्रारंभ हो रही है जो रात को 10 बज कर 51 मिनट तक रहेगी उसके बाद एकादशी प्रारंभ हो जायेगी।
क्या कहता है पंचांग
हर माह में दो बार दशमी तिथि आती है, एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। इस बुधवार 29 तारीख को मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की दशमी है। जो रात के 10 बज कर 51 मिनट रहेगी और फिर एकादशी प्रारंभ हो जायेगी। यानि उदियातिथि के अनुसार दशमी पड़ रही है। दशमी के स्वामी यमराज माने जाते हैं।
दशमी पर विशेष है यमराज
चूंकि यमराज दशमी के स्वामी देव हैं इसलिए इस दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व होगा। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी हैं और माना जाता है कि वे यमलोक में निवास करते हैं। दशमी पर यमराज की पूजा करके पापों की क्षमा मांगने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। जीवन में विकास के मार्ग में आने वाली सभी बाधायें दूर होती हैं। इसके साथ ही रोगों से मुक्ति मिलती है। ऐसी भी मान्यता है कि दशमी पर यमराज की पूजा से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
दशमी की विशेषता
दशमी को धर्मिणी तिथि माना जाता है यानि ये तिथि धर्म और धन की प्राप्ति कराने वाली होती है। कोई नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो दशमी का दिन अत्यंत शुभ होता है। इसके साथ ही सरकारी क्षेत्र के काम काज में कोई फैसला करना है या कोई समस्या हल करनी है तो आज के दिन प्रयास करें अवश्य सकारात्मक फल प्राप्त होगा। जो कार्य द्वितिया, तृतिया, पंचमी और सप्तमी को किए जा सकते हैं उन्हें दशमी में भी शुभ फल के साथ पूर्ण किया जा सकता है।