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Kharmas 2020 Puja: 14 जनवरी तक खरमास में करें ये पूजा, दुर्दिन होगा दूर, होगी लक्ष्मी कृपा

Kharmas 2020 Puja सर्दी में जब सिहरन बढ़ने लगती है तब शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। यह कालखंड यानी दिसंबर का उत्तरार्ध और जनवरी का पूर्वार्ध भारतीय मान्यताओं में खरमास कहलाता है। खरमास 16 दिसंबर को शुरू हुआ था और 14 जनवरी 2021 तक रहेगा।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 01:30 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 01:30 PM (IST)
Kharmas 2020 Puja: 14 जनवरी तक खरमास में करें ये पूजा, दुर्दिन होगा दूर, होगी लक्ष्मी कृपा
Kharmas 2020 Puja: 14 जनवरी तक खरमास में करें ये पूजा, दुर्दिन होगा दूर, होगी लक्ष्मी कृपा

Kharmas 2020 Puja: सर्दी के परवान चढ़ते ही मौसम में जब धीरे-धीरे कोहरे की चादर चढ़ने पर गुनगुनी धूप के बीच जब सिहरन बढ़ने लगती है तब शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। यह कालखंड यानी दिसंबर का उत्तरार्ध और जनवरी का पूर्वार्ध भारतीय मान्यताओं में खरमास कहलाता है। खरमास 16 दिसंबर को शुरू हुआ था और 14 जनवरी 2021 तक रहेगा। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा से जानते हैं खरमास के खास उपाय।

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सत्यनारायण कथा

खरमास में भगवान विष्णु की पूजा गुरुवार के दिन तो प्रमुख रूप से विधि-विधान से करें, इसके अतिरिक्त प्रतिदिन भगवान की पूजा करें। माना जाता है सत्यनारायण भगवान की कथा यदि मनुष्य खरमास में सुन ले, तो उसके दुर्दिन दूर हो जाते हैं। साथ ही देवी लक्ष्मी का आशीवार्द में मनुष्य को प्राप्त होता है। घर में सुख-समृद्धि लाने का इससे आसान उपाय खरमास में कुछ और नहीं हो सकता।

महामृत्युंजय मंत्र

खरमास में विपदाओं और संकटों से मुक्ति के लिए हर दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। यह वह मंत्र है, जो इंसान को अकाल मृत्यु से भी बचाता है, इसलिए खरमास में इस मंत्र का जाप कर आप हर तरह के दोष से मुक्त हो सकते हैं। कोशिश करें कि इस मंत्र का जाप आप रोज शाम के समय करें और प्रतिदिन एक ही समय पर करें। इस मंत्र के जाप से घर की नकारात्मकता दूर होती है।

यज्ञ और हवन

खरमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही है, लेकिन आप घर में धार्मिक अनुष्ठान कर सकते हैं। माना जाता है कि इस पूरे महीने आप जितना भी धार्मिक कार्य करते हैं, उसका पूरा पुण्य लाभ प्राप्त होता। खरमास में यज्ञ, अनुष्ठान, कथा या भजन-कीर्तन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और जगत कल्याण भी होता है।

ब्रज धाम यात्रा

खरमास में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की पूजा का विधान है। विशेषकर भगवान कृष्ण की पूजा इस मास में जरूर करनी चाहिए। खरमास में ब्रज धाम जाना बहुत ही उत्तम तीर्थ माना गया है। यदि ब्रज धाम आप न जा पाएं, तो मन में उन्हें स्मरण करते हुए रोज उनकी पूजा करें और भजन-कीर्तन करें। ऐसा करने से मनुष्य के इस जन्म के ही नहीं पिछले जन्म के पाप भी कटते हैं और मनुष्य को बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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