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काशी में होगा अब विश्व धर्म संस्कृति पर शोध्

देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में जल्द ही विश्व के धर्म व संस्कृति पर शोध होगा। प्राच्य विद्या के संरक्षण के लिए स्थापित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने इसका खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत स्थापित होने वाले अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र में दुनियाभर के धर्मो का तुलनात्मक विवेचना व उच्च

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2015 12:19 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2015 12:21 PM (IST)
काशी में होगा अब विश्व धर्म संस्कृति पर शोध्

वाराणसी देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में जल्द ही विश्व के धर्म व संस्कृति पर शोध होगा। प्राच्य विद्या के संरक्षण के लिए स्थापित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने इसका खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत स्थापित होने वाले अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र में दुनियाभर के धर्मो का तुलनात्मक विवेचना व उच्च स्तरीय अनुसंधान करने की रूपरेखा बनाई गई है।

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विश्वविद्यालय ने विश्व की ज्वलंत धार्मिक व सांस्कृतिक समस्याओं के विश्लेषण के लिए तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग में उत्कृष्ट शोध केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्र के समन्वयक व विभाग के प्रो. राजनीश कुमार शुक्ला ने बताया कि इसके लिए केंद्र सरकार को दो करोड़, नब्बे लाख रुपये प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। कहा कि विभाग में पहले से दुनियाभर के धर्मो का तुलनात्मक अध्ययन-अध्यापन व शोध कार्य चल रहा है। संसाधन के अभाव में इसे अब तक विस्तार नहीं दिया जा सका।

इसे देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय शोध केंद्र का प्रस्ताव बनाया गया है। यह केंद्र सहिष्णुता पर आधारित समाज के निर्माण के अत्यंत उपयोगी साबित होगी। इसमें विश्व के समस्त उपासना पंथों का अध्ययन-अध्यापन की जाएगी। साथ ही केंद्र को आधुनिकतम मल्टीमीडिया उपकरणों से सुसज्जित करने का भी निर्णय लिया है।


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