काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगा नया कठघरा
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के गर्भगृह में मंगलवार को नया कठघरा लगा दिया गया। साखू की लकड़ी से बने तीन फीट तीन इंच ऊंचे कठघरे में छोटा दरवाजा भी लगाया गया है। उद्देश्य यह कि किसी वीआइपी के आगमन पर इसे खोलने का झंझट न रहे। अब महज गेट
By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2015 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2015 04:43 PM (IST)
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के गर्भगृह में मंगलवार को नया कठघरा लगा दिया गया। साखू की लकड़ी से बने तीन फीट तीन इंच ऊंचे कठघरे में छोटा दरवाजा भी लगाया गया है। उद्देश्य यह कि किसी वीआइपी के आगमन पर इसे खोलने का झंझट न रहे। अब महज गेट खोलकर दरस परस कराया जा सकेगा। इससे श्रद्धालुओं को भी व्यवधान नहीं होगा। इससे पहले तीन साल पहले कठघरा बदला गया था जो दूध व पानी से लगातार भीगने से जर्जर हो गया था।
हालांकि बाबा के दरस परस की ही मान्यता है लेकिन भीड़ बढ़ने पर महंतों के समय ही दो फीट का छोटा कठघरा लगाया जाता था। वर्ष 1983 में सरकारी तौर पर अधिग्रहण के बाद भी इस व्यवस्था को बहाल रखा गया लेकिन भीड़ बढ़ने से इससे दिक्कत आने लगी। अरघे और ज्योतिर्लिग का स्पर्श के चक्कर में एक महिला और बालक गिर भी गए। इसके बाद अरघे की ऊंचाई बढ़ा दी गई थी। कठघरा बदलने को सावन की तैयारी की कवायद भी मानी जा रही है। इस माह में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं जिनकी संख्या सोमवार को दो लाख तक पहुंच जाती है।
श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार के सुंदरीकरण और श्रद्धालु सुविधा विस्तार के क्रम में मंदिर प्रशासन ने गोयनका भवन की जमीन पर निर्माण और फिसलनरोधी (फ्लैम्ड) ग्रेनाइट लगाने के लिए मंगलवार को धन जारी कर दिया। राजकीय निर्माण निगम के अभियंता को भवन मद में पहली किश्त के तौर पर 70.12 लाख रुपये का चेक सौंपा। इसकी इकाई सूडा को भी ग्रेनाइट के लिए भी 20 लाख रुपये चेक से दिए। इसके अभियंता ने जल्द कार्य शुरू कर सावन से पहले पूरा कर लेने का लक्ष्य भी बताया।1मंदिर परिसर की फर्श पर मार्बल लगी है। इस पर पानी गिरने से श्रद्धालु अक्सर फिसल कर चोटिल होते रहते हैं। ऐसे में न्यास परिषद ने इस पर खुरदुरे सतह वाली फिसलनरोधी ग्रेनाइट लगाने का इस वर्ष के आरंभ में प्रस्ताव पारित किया था। इस पर 41.66 लाख रुपये खर्च का आकलन है। हालांकि सावन नजदीक होने से इस कार्य को अतिशीघ्र पूरा कर लेने पर जोर है।
इसके अलावा गोयनका भवन की जमीन पर भवन बनाकर श्रद्धालु सुविधाओं को विस्तार दिया जाना है। इसके अंडरग्राउंड में सुकून भरी कतार के लिए जिगजैग बनाया जाएगा। भूतल व प्रथम तल पर विश्रमालय, पुस्तकालय, डिस्पेंसरी व मुख्य कार्यपालक अधिकारी कार्यालय भी होगा। इस पर 1.40 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इसका शिलान्यास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कराया जाना प्रस्तावित है। समझा जा रहा है कि उनका इसी माह दौरा प्रस्तावित हैं। ऐसे में उनके आगमन से पहले महकमे ने आरंभिक प्रक्रिया पूरी करने की कवायद शुरू की है।
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