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कालसर्प दोष से मुक्ति पाने की नाग-पूजा

बुधवार को नागपंचमी पर्व भक्ति व उल्लास से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में शिवलिंग व नाग देवता की विधिवत पूजा, जल व दूध अर्पित कर खुशहाली की दुआ मांगी। एक ओर जहां शिवलिंग पर जल-दूध अर्पित करने महिलाओं का तांता लगा रहा वहीं कालसर्प दोष से ग्रसित जातकों

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2015 11:32 AM (IST)
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने की नाग-पूजा

रायपुर। बुधवार को नागपंचमी पर्व भक्ति व उल्लास से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में शिवलिंग व नाग देवता की विधिवत पूजा, जल व दूध अर्पित कर खुशहाली की दुआ मांगी। एक ओर जहां शिवलिंग पर जल-दूध अर्पित करने महिलाओं का तांता लगा रहा वहीं कालसर्प दोष से ग्रसित जातकों ने ग्रह दोषों से छुटकारा पाने के लिए रुद्राभिषेक व नाग पूजा अनुष्ठान करवाया। । 71 जोड़ों ने किया महारुद्राभिषेक देवेन्द्र नगर स्थित सिंधु भवन में सिंधी ब्राह्मणों की संस्था महाराज सिंधु मंडल के नेतृत्व में महारूद्राभिषेक का आयोजन किया गया। सुबह 9 बजे शुरू हुआ रूद्राभिषेक दोपहर तक चलता रहा।

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11 पंडितों ने विधिविधान से नाग पूजा करवाई। करीब 71 जोड़ों ने मंत्रोच्चार के साथ महारुद्राभिषेक किया। बड़े हॉल में क्रमवार 71 पीढ़ों पर पूजा वेदी तैयार की गई और प्रत्येक पीढ़े के समक्ष पति-पत्नी बैठे और पंडितों के निर्देशों के अनुसार पूजा करते रहे। सात वर्षों से नागपंचमी पर महाभिषेक महाराज सिंधु मंडल के पं.मधु महाराज ने बताया कि पिछले सात वर्षों से लगातार नागपंपचमी पर महारूद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार नागपंचमी पर नागदेव की विधिवत पूजा-अर्चना करने से ग्रह बाधा व काल सर्प दोष का निवारण होता है। श्रद्धालुओं ने आर्थिक, व्यवसायिक, पारिवारिक, धन लाभ, ग्रह नक्षत्र शांति के लिए पूजा करवाई। ऐसा माना जाता है कि किसी जन्म में सर्प की हत्या हो जाए तो मानव जन्म लेने पर व्यक्ति की कुण्डली में काल सर्प दोष का योग होता है और व्यक्ति जब तक काल सर्प पूजा न करवाएं तब तक उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास नहीं होता और वह अनेक संकटों का सामना करता है।

महाराज सिंधु मंडल के पं. सोनू शर्मा, पं.विकास शर्मा सहित 11 पंडितों ने विधिविधान से पूजा संपन्न करवाई। कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रेमप्रकाश मंध्यानी की युवा टीम ने दिया। भगवान शिव पर सहस्त्राभिषेक सिंधु भवन परिसर में केलों के पत्तों से दरबार सजाकर शिवलिंग स्थापित किया गया जिस पर भक्तों ने सहस्त्रधारा अभिषेक किया। अभिषेक करने सिंधी समाज के लोग काफी संख्या में पहुंचे। गली-गली घूमकर सपेरों ने दिखाया नाग नागपंचमी पर नागदेवता का दर्शन करने की मान्यता के चलते शहर के विभिन्न इलाकों में सपेरे घूमते नजर आए और बीन बजाकर श्रद्धालुओं को आकर्षित किया तथा अपनी पिटारी से सांप निकालकर दर्शन कराया। कई लोगों ने सांप को अपने गले में भी धारण कर सपेरों को रुपए दिए।


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