कैलास को रवाना हुई डोली छंतोली यात्रा
सैकड़ों भक्तों के बीच मां नंदा देवी राजराजेश्वरी की डोलियां लोक जागरों व मां के जय-जयकारों के साथ कैलास के लिए रवाना हुई। कुरुड़ में मां नंदा को विदा करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही मौजूद थे। मां नंदा देवी की डोली प्रथम पड़ाव में जाखणी गांव में रात्रि
गोपेश्वर। सैकड़ों भक्तों के बीच मां नंदा देवी राजराजेश्वरी की डोलियां लोक जागरों व मां के जय-जयकारों के साथ कैलास के लिए रवाना हुई। कुरुड़ में मां नंदा को विदा करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही मौजूद थे। मां नंदा देवी की डोली प्रथम पड़ाव में जाखणी गांव में रात्रि विश्रम के लिए पहुंची है। जबकि राजरोजश्वरी की डोली कुरुड़ से चरबंग पहले पड़ाव पर पहुंची।
सोमवार को लोकजात यात्रा को लेकर सुबह से ही सिद्धपीठ कुरुड़ नंदा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा था। श्रद्धालु मां नंदा की पूजा के लिए चुनरी, श्रृंगार सामाग्री सहित स्थानीय उत्पाद मुंगरी, ककड़ी, चूड़ा चढ़ावे के लिए लाए थे। सुबह पूजा अर्चना के बाद दोपहर में लोकजात यात्र के शुभारंभ के लिए मां नंदा अवतरित की गई। इस दौरान रिमङिाम बारिश भी हुई। मां नंदा के पश्वे ने अवतरित होकर भूमि भूमियाल से यात्रा की अनुमति मांगी। तदोपरांत शाम चार बजे मां नंदा व राजराजेश्वरी की डोलियां छंतोलियों के साथ मंदिर से यात्रा पर रवाना हुई। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां को कैलाश के लिए विदा किया। नंदा देवी की डोली आठ किलोमीटर पैदल दूरी तय कर कुरुड़ से फरखेत, बिजार होते हुए जाखणी पहुंची। वहीं मां राजराजेश्वरी की डोली छह किलोमीटर की दूरी तय कर कुरुड़ से चरबंग गांव पहुंची। गांव के लोग मां नंदा की डोली छंतोली का बेसब्री से रास्ते में इंतजार कर रहे थे। ग्रामीण अपने गांव की सीमा में ढोल ढमाऊ के साथ लेने पहुंचे। डोलियों के साथ पुजारी मंशा राम गौड़ मुंशीचंद्र, राकेश गौड़ सहित अन्य पुजारियों ने पूजा अर्चना की। मां नंदा की इस लोकजात में शामिल होने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. अनसूया प्रसाद मैखुरी, थराली के विधायक प्रो. जीतराम, ब्लॉक प्रमुख कर्ण सिंह नेगी सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे। विधानसभा उपाध्यक्ष ने भी डोली को कंधो पर उठाकर यात्रा में योगदान दिया।