Kaal Bhairav Jayanti Do's And Don'ts: काल भैरव जयंती के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल
Kaal Bhairav Jayanti Dos And Donts काल भैरव जयंती के दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है।
Kaal Bhairav Jayanti Do's And Don'ts: काल भैरव जयंती के दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती सबसे शुभ दिनों में से एक माना गया है। इस दिन भक्त सुबह सूर्योदय से पहले उठते हैं और स्नान करते हैं। फिर इसके बाद भगवान काल भैरव का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष पूजा की जाती है। काल भैरव जयंती को भैरव अष्टमी और भैरव जयंती के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप और काल भैरव कथा का पाठ करना चाहिए। इससे जीवन में सफलता और कामनाओं की पूर्ति होती है। काल भैरव जयंती के दिन कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।
काल भैरव जयंती के दिन इन बातों का रखें ख्याल:
1. इस दिन भक्तों को जल्दी उठना चाहिए। इसके बाद स्नानादि समेत सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाना चाहिए।
2. काल भैरव की पूजा करने से पहले भक्तों को घर की अच्छे से सफाई करनी चाहिए।
3. इस दिन कुत्तों को भोजन करना चाहिए। साथ ही उन्हें चोट भी नहीं पहुंचानी चाहिए।
4. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भक्तों को काल भैरव जयंती के दौरान दिन के समय में सोना नहीं चाहिए। इससे व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
5. इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
6. कथाओं के अनुसार, काल भैरव की पूजा सिर्फ माता पार्वती के साथ ही की जानी चाहिए।
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