मौसी के घर से वापस लौटी जगन्नाथ की सवारी
गुरुवार को बाहुड़ा यात्रा के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु पुरी के गुण्डिचा मंदिर सम्मुख शरधा बाली में एकत्रित हुए। मौसम अनुकूल होने से भक्तों में अपार उत्साह देखा गया। 7 दिन मौसी के घर में रहने के बाद आज महाप्रभु वापसी यात्रा कर श्री मंदिर लौट रहे हैं। बाहुड़ा यात्रा के लिए श्री मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित समय से काफी
भुवनेश्वर। गुरुवार को बाहुड़ा यात्रा के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु पुरी के गुण्डिचा मंदिर सम्मुख शरधा बाली में एकत्रित हुए। मौसम अनुकूल होने से भक्तों में अपार उत्साह देखा गया। 7 दिन मौसी के घर में रहने के बाद आज महाप्रभु वापसी यात्रा कर श्री मंदिर लौट रहे हैं।
बाहुड़ा यात्रा के लिए श्री मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित समय से काफी विलंब से भगवान की पहंडि यात्रा संपन्न हुई है। सुबह सभी नीतियां समय पर चल रही थी। सकाल धूप, मईलम,अवकाश,वेश आदि नीति समय से संपन्न की गई। दिन के तकरीबन 12.35 बजे सुदर्शन जी को पहण्ड़ी कर रथा रुढ़ कराया गया। बाद में 1.15 बजे महाप्रभु बलदेव जी पहण्ड़ी के जरिए नाकचणा द्वार से बाहर आए। बलदेव जी के बाद बहन देवी सुभद्रा को सेवायतों ने रथारुढ़ करवाया। अंत में 1.40 पर समस्त प्रतीक्षा का अंत करते हुए महाबाहु श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पहण्ड़ी संपन्न हुई। अपने आराध्य को देखने पुरा शरधा बाली का इलाका लोकारण्य हो गया था। घंट घंटा की ध्वनी से इलाका प्रकंपित हो रहा था। जय जगन्नाथ के उद्घोष के मध्य भक्त मंडली संकिर्तन, भजन गा कर प्रभु को रिझाने में लगी हुई थी। चामर, आलट, घुमाकर सेवायत अपनी सेवा में लगे थे। कालिया महाप्रभु की झलक भर पाने को लोगों में जो उत्कंठा दिखाई दी वह केवल अनुभव करने की ही बात है ।
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